दलबदल मामले में झारखंड विधानसभा के स्पीकर से पहले बाबूलाल पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, कैवियट दाखिल कर कही यह बात
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) के दलबदल मामले (Defection Case) में स्पीकर से पहले भाजपा नेता ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये हैं. बाबूलाल मरांडी ने कैवियट दाखिल (Babulal Files Chaveat) कर कहा है कि झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष (Jharkhand Vidhan Sabha Speaker) की याचिका पर कोई भी फैसला सुनाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाये.
रांची (राणा प्रताप सिंह) : भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले में स्पीकर से पहले भाजपा नेता ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये हैं. बाबूलाल मरांडी ने कैवियट दाखिल कर कहा है कि झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष की याचिका पर कोई भी फैसला सुनाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाये.
झारखंड हाइकोर्ट ने इस मामले में 17 दिसंबर को सुनवाई की थी और स्पीकर की कार्रवाई पर 13 जनवरी, 2021 तक अंतरिम रोक लगा दी थी. श्री मरांडी के वकील एवं झारखंड हाइकोर्ट के सीनियर एडवोकेट आरएन सहाय, यशवर्धन एवं एसके गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि स्पीकर के नोटिस पर हाइकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा रखी है.
दरअसल, बाबूलाल मरांडी के खिलाफ 10वीं अनुसूची के तहत की गयी कार्रवाई पर हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ विधानसभा के स्पीकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है़ं हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर बाबूलाल मरांडी को स्पीकर की ओर से भेजे गये नोटिस पर सवाल उठाये थे़ विधानसभा सचिवालय इस मामले में तथ्यों और कानूनी पक्षों पर मसौदा तैयार कर रहा है.
विधानसभा ने इस मामले को लेकर राज्य के महाधिवक्ता के साथ भी विचार-विमर्श किया है़ विधानसभा सुप्रीम कोर्ट में यह दलील लेकर जायेगी कि स्पीकर मामले में स्वत: संज्ञान ले सकते है़ं सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर के संवैधानिक अधिकार को रखेगी़ वहीं, कांग्रेस भी बाबूलाल मरांडी के मामले में स्पीकर से शिकायत करने की तैयारी चल रही है.
कांग्रेस अपने विधायकों से इस मामले में बाबूलाल मरांडी पर दल-बदल मामले की शिकायत कर सकती है़ कांग्रेस अपने शिकायत पत्र में श्री मरांडी की सदस्यता दल-बदल कानून के तहत समाप्त करने की मांग करेगी़ वहीं, विधायक प्रदीप यादव व बंधु तिर्की को कांग्रेस के सदस्य के रूप में मान्यता देने की मांग करेगी.
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अब तक क्या-क्या हुआ
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झाविमो के भाजपा में विलय की सूचना स्पीकर को दी गयी.
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प्रदीप यादव व बंधु तिर्की ने कांग्रेस की सदस्यता लेने की सूचना देते हुए सदन में मान्यता की मांग की.
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भाजपा विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद बाबूलाल मरांडी ने सदन में नेता प्रतिपक्ष होने का दावा पेश किया.
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स्पीकर ने बाबूलाल, प्रदीप व बंधु को अलग-अलग नोटिस भेजकर 10वीं अनुसूची के मामले में पक्ष रखने को कहा.
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स्पीकर के नोटिस पर तीनों विधायकों ने जवाब दिया, स्पीकर इनके जवाब से संतुष्ट नहीं थे, उन्होंने न्यायाधिकरण में सुनवाई शुरू की.
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स्पीकर के नोटिस के खिलाफ बाबूलाल मरांडी झारखंड हाइकोर्ट पहुंचे.
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झारखंड हाइकोर्ट ने स्पीकर के नोटिस और बाबूलाल मरांडी के खिलाफ कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी. सुनवाई की अगली तारीख 13 जनवरी, 2021 मुकर्रर कर दी.
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बाबूलाल मरांडी ने सुप्रीम कोर्ट में कैवियट दाखिल की. सर्वोच्च अदालत से आग्रह किया कि स्पीकर या विधानसभा की याचिका पर अंतिम फैसला देने से पहले उनका भी पक्ष सुना जाये.
Posted By : Mithilesh Jha