उग्र रूप में सामने आ रहा है जलवायु परिवर्तन का दुष्परिणाम : पूर्व भाजपा नेता गोविंदाचार्य

भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता केएन गोविंदाचार्य ने कहा है कि विगत 500 वर्षों से पश्चिमी जगत का जीवन दर्शन मानव जाति पर हावी है और हम भी उसका अनुशरण कर रहे हैं. जलवायु परिवर्तन अब केवल विद्वानों की चर्चाओं का विषय नहीं बचा है

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2022 10:54 AM

रांची: भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता केएन गोविंदाचार्य ने कहा है कि विगत 500 वर्षों से पश्चिमी जगत का जीवन दर्शन मानव जाति पर हावी है और हम भी उसका अनुशरण कर रहे हैं. जलवायु परिवर्तन अब केवल विद्वानों की चर्चाओं का विषय नहीं बचा है, उसके दुष्परिणाम अब अधिकाधिक उग्र रूप में हम सबके सम्मुख उपस्थित हो रहे हैं. आज यूरोप का 60 प्रतिशत हिस्सा सूखे की चपेट है और पाकिस्तान भीषण बाढ़ की चपेट में है.

श्री गोविंदाचार्य शनिवार को विवेकानंद केंद्र, रांची द्वारा विवेकानंद विद्या मंदिर (धुर्वा) में ‘स्वराज के प्रेरणा पुंज स्वामी विवेकानंद’ विषय पर विमर्श कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे. स्वामी विवेकानंद द्वारा 11 सितंबर 1893 में विश्व धर्म संसद में शिकागो में दिये गये ऐतिहासिक व्याख्यान के उपलक्ष में विश्व बंधुत्व दिवस का आयोजन किया गया.

श्री गोविंदाचार्य ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने पहले देश उसके बाद विश्व को जागृत किया. उनके जागरण का परिणाम है कि हमें स्वतंत्रता मिली. स्वामी जी ने 1897 में कहा था कि हम भारतीयों को अगले 50 वर्ष तक सभी देवी-देवताओं को भूलकर केवल भारतमाता की आराधना करनी चाहिए.

उस दिव्य वाणी की परिणति के रूप में ठीक 50 वर्ष बाद 1947 में हमें स्वतंत्रता रूपी प्रसाद प्राप्त हुआ. स्वामी जी के बताये रास्ते से ही मानवता का कल्याण संभव है. इस अवसर पर विवेकानंद केंद्र के प्रदेश संरक्षक विनोद गाड्यान, श्रेयांश भारद्वाज, चिराग परमार, जयंत कुमार झा, शिवशंकर प्रसाद, डॉ अंजेश कुमार, डॉ परिणीता सिंह, आदित्य, विवेक वाणी, शालू, अमित समेत अन्य उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version