Jharkhand News: जमशेदपुर स्थित कदमा के शास्त्रीनगर मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी के नेतृत्व में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से भेंट किया. इस दौरान ज्ञापन सौंपते हुए इस मामले की जांच सीबीआई या हाईकोर्ट के न्यायाधीश से कराने की मांग की. साथ ही सभी निर्दोष भाजपा एवं विहिप कार्यकर्ताओं को रिहा कराने का आग्रह किया.
पथराव में कई पुलिसकर्मी हुए थे घायल
राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कहा गया कि नौ अप्रैल, 2023 को जमशेदपुर स्थित कदमा के शास्त्रीनगर में उपद्रवी तत्वों द्वारा हिंसा फैलाते हुए पथराव और अगजनी की गयी थी. इस पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
अभय सिंह समेत कई पार्टी कार्यकर्ताओं को किया गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने भाजपा नेता तथा पूर्व महानगर अध्यक्ष अभय सिंह के काशीडीह (साकची थाना) स्थित घर से गिरफ्तार किया था. जबकि अभय सिंह घटनास्थल पर थे ही नहीं. इसके अलावा पूर्व महानगर अध्यक्ष नंदजी प्रसाद, सुधांशु ओझा समेत कई भाजपा, विहिप एवं अन्य हिन्दू नेताओं के घर पर पुलिस ने गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी किया. वहीं, 10 अप्रैल को जब विश्व हिंदू परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल एसएसपी से मिलने उनके कार्यालय गया, तो पुलिस ने प्रतिनिधि मंडल को ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. प्रतिनिधिमंडल में शामिल अधिवक्ता चंदन चौबे को हथकड़ी पहनाने पर जमशेदपुर न्यायालय के अधिवक्ताओं ने एक दिवसीय हड़ताल भी किया था. इसके अलावा भाजपा नेता सुधांशु ओझा ओडिशा के पुरी गये थे. पुलिस उन्हें अपराधी की तरह गिरफ्तार कर जमशेदपुर लायी और जेल भेज दिया.
रामनवमी के दौरान प्रशासन के फरमान से श्रद्धालु परेशान
इस मौके पर राज्यपाल को प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि जमशेदपुर में रामनवमी का उत्सव बड़े धूम-धाम से तथा डीजे एवं ट्रेलर पर झांकी के साथ आयोजन होता रहा है जिसमें काफी संख्या में लोग उत्साह के साथ महावीर झंडा विसर्जन जूलुस में भाग लेते हैं. इस वर्ष झांकी निकालने के लिए बड़े ट्रेलर (20 चक्का) का उपयोग एवं डीजे बजाने पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दिया था. 30 मार्च, 2023 को साकची स्थित बाल मंदिर अखाड़ा ने जब डीजे के साथ झांकी निकाला, तो प्रशासन ने डीजे तथा ट्रेलर को जब्त कर लिया. प्रशासन के इस रवैये के खिलाफ एवं डीजे तथा ट्रेलर को छोड़ने की मांग को लेकर अखाड़ा समितियों ने 31 मार्च को महावीर झंडा का विसर्जन जूलुस नहीं निकालने एवं एक अप्रैल को जमशेदपुर बंद का आह्वान किया. अखाड़ा समितियों में काफी नाराजगी होने लगी. 31 मार्च (विसर्जन) को रात आठ बजे जिला प्रशासन एवं अखाड़ा समितियों की वार्ता के बाद गतिरोध समाप्त हुआ तथा 31 मार्च एवं एक अप्रैल को विसर्जन जूलुस निकला गया. प्रशासन के इस रवैये से श्रद्धालुओं में काफी असंतोष पनपा.
शास्त्रीनगर की घटना को सीबीआई या हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग
जमशेदपुर के शास्त्रीनगर में नौ अप्रैल को हुई हिंसा मामले की जांच सीबीआई या झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश से कराने की मांग की, ताकि सांप्रदायिक हिंसा का साजिश रचनेवाले एवं हिंसा में सम्मिलित तत्वों की पहचान कर उन्हें सजा मिले. साथ ही निर्दोष भाजपा, विहिप एवं हिन्दू संगठनों के नेताओं पर प्रताड़ना करने वाले अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.
प्रदेश को सौंपा जांच रिपोर्ट
इससे पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश के निर्देशानुसार गठित पांच सदस्यीय समिति ने घटना से संबंधित जांच रिपोर्ट प्रदेश को सौंपा. इस समिति में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी, पूर्वी सिंहभूम सांसद विद्युतवरण महतो, पूर्व गृह सचिव जेबी तुबिद, पूर्व आईजी लक्ष्मण प्रसाद सिंह और पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू शामिल थे.
प्रतिनिधिमंडल में ये थे शामिल
इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश महामंत्री डॉ प्रदीप वर्मा, पूर्व गृह सचिव सह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जेबी तुबीद, पूर्व आईजी सह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य लक्ष्मण प्रसाद सिंह, पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू, जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, महानगर उपाध्यक्ष संजीव सिन्हा, महानगर महामंत्री अनिल मोदी, राकेश सिंह, कदमा मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह शामिल थे.