बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनवाने के लिए राजभवन पहुंची भाजपा, दीपक प्रकाश बोले : लोकतंत्र की हत्या कर रहे हेमंत सोरेन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार (6 अगस्त, 2020) को यहां राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर बाबूलाल मरांडी को झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए पहल करने का आग्रह किया. राजभवन से जारी एक बयान में बताया गया है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज भवन आकर राज्यपाल से मुलाकात की तथा मरांडी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए पहल करने संबंधी ज्ञापन सौंपा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2020 6:43 PM
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रांची : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार (6 अगस्त, 2020) को यहां राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर बाबूलाल मरांडी को झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए पहल करने का आग्रह किया. राजभवन से जारी एक बयान में बताया गया है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज भवन आकर राज्यपाल से मुलाकात की तथा मरांडी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए पहल करने संबंधी ज्ञापन सौंपा.

इस बीच, भाजपा ने एक बयान जारी कर कहा कि मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने की मांग को लेकर भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. राज्य विधानसभा चुनावों के बाद से ही यह मामला उलझा हुआ है, क्योंकि भाजपा ने झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) का विलय कराकर उसके नेता बाबूलाल मरांडी को 24 फरवरी को भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया था और इसकी सूचना राज्य विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो को भी दे दी थी.

भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने की मांग की थी, लेकिन तमाम आश्वासनों के बावजूद विधानसभाध्यक्ष ने अब तक मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं दी है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि 15 मार्च, 2020 को चुनाव आयोग ने भी झारखंड विकास मोर्चा के भाजपा में विलय को मान्यता दे दी थी. इसके बावजूद विधानसभाध्यक्ष ने भाजपा की मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग पर कोई फैसला नहीं किया है.

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प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है. नेता प्रतिपक्ष की घोषणा को लेकर सरकार की मंशा ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री प्रतिपक्ष के नेता के बिना ही विधानसभा का संचालन चाहते हैं. मुख्यमंत्री के बयानों में कई बार उनकी यह मंशा उजागर हो चुकी है. ऐसा लगता है कि सरकार के इशारे पर विधानसभा अध्यक्ष भी नेता प्रतिपक्ष की घोषणा नहीं कर रहे.

उल्लेखनीय है कि बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाली झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का 11 फरवरी, 2020 को भारतीय जनता पार्टी में विधिवत विलय हो चुका है. 6 मार्च, 2020 को चुनाव आयोग ने इस विलय को मान्यता प्रदान कर दी है.

राज्यसभा चुनाव की वोटिंग में चुनाव आयोग ने श्री मरांडी को भाजपा विधायक के रूप में मान्यता दे दी, जबकि विलय के पूर्व जेवीएम से पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित दो विधायकों प्रदीप यादव एवं बंधु तिर्की द्वारा जेवीएम के कांग्रेस में विलय को आयोग ने अमान्य कर दिया. पार्टी के चुनाव चिह्न ‘कंघी’ को भी फ्रीज कर दिया गया.

श्री प्रकाश ने कहा कि भाजपा ने बार-बार इन सारी बातों की लिखित जानकारी माननीय विधानसभा अध्यक्ष को दी है. उन्होंने कहा कि आज सदन में पार्टी के 26 विधायक हैं. विधानसभा में 32 प्रतिशत सदस्यों के साथ भाजपा विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है. परंतु नेता प्रतिपक्ष की सभी अर्हताओं को पूरा करने के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष की घोषणा नहीं कर रहे.

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उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र की परंपरा और मर्यादाओं का सत्ता पक्ष मखौल उड़ा रहा है. इसलिए पार्टी ने राज्य के संवैधानिक प्रधान के पास निवेदन किया है. कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए राज्यपाल के हस्तक्षेप की आवश्यकता है. श्री प्रकाश ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि श्री मरांडी को अविलंब नेता प्रतिपक्ष घोषित करते हुए उन्हें सभी संवैधानिक सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये.

Posted By : Mithilesh Jha

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