बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग पर विधानसभा में हाथ जोड़कर घुटनों के बल बैठे BJP विधायक

BJP MLAs Sits on Their Knees with Folded Hands in Jharkhand Assembly. भाजपा (Bharatiya Janata Party) विधायकों ने हाथ जोड़कर घुटनों के बल विधानसभाध्यक्ष (Speaker of Jharkhand Assembly) से न्याय (Justice) की भीख मांगी, लेकिन विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि इसका कोई लाभ नहीं है, क्योंकि विपक्ष के नेता (Leader of Opposition) पर फैसला एक वैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से ही लिया जा सकता है, जिसके लिए भाजपा को सब्र करना होगा.

By Mithilesh Jha | March 5, 2020 12:53 PM

रांची : झारखंड विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक लगातार स्पीकर से विनती कर रहे हैं. बुधवार को तो विपक्षी दल के विधायक हाथ जोड़कर घुटनों के बल बैठकर विधानसभा अध्यक्ष से विनती की कि वे बाबूलाल मरांडी को नेता विपक्ष का दर्जा दें. इसमें और देरी न करें. लेकिन, स्पीकर ने साफ कर दिया है कि भाजपा विधायकों के दबाव में वह कोई फैसला नहीं लेंगे. नियम के मुताबिक, समय पर इस मामले में फैसला लिया जायेगा. यही वजह है कि विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है.

बुधवार को भी दो बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. भोजनावकाश के बाद भाजपा विधायकों ने अध्यक्ष से हाथ जोड़कर न्याय के लिए विनती की, लेकिन अध्यक्ष नहीं पिघले और न्याय की प्रक्रिया का हवाला दिया. भाजपा विधायकों ने लोकतंत्र की हत्या के आरोप लगाये और पार्टी के साथ न्याय करने की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे.

हंगामे के बीच विधानसभाध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कई बार भाजपा विधायकों से अपना स्थान ग्रहण करने का आग्रह किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे. भाजपा विधायक अनंत ओझा ने प्रश्नकाल से पहले ही व्यवस्था का प्रश्न उठाया और कहा कि विधानसभा का बजट सत्र अब तक विपक्ष के नेता के बिना ही चल रहा है, जो उचित नहीं है.

भाजपा सबसे बड़ा विपक्षी दल है और उसके निर्वाचित नेता बाबूलाल मरांडी को तत्काल विपक्ष के नेता का दर्जा दिया जाना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि नियमों के तहत ही इस मामले पर विचार किया जा रहा है. भाजपा विधायकों ने हाथ जोड़कर घुटनों के बल विधानसभाध्यक्ष से न्याय की भीख मांगी, लेकिन विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि इसका कोई लाभ नहीं है, क्योंकि विपक्ष के नेता पर फैसला एक वैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से ही लिया जा सकता है, जिसके लिए भाजपा को सब्र करना होगा.

इसके बाद भाजपा बजट पर चर्चा के लिए तैयार हुई और पार्टी की ओर से अमर कुमार बाउड़ी ने चर्चा की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता पर शीघ्र निर्णय की मांग की और अपनी बात रखने के बाद सभी भाजपा विधायकों के साथ वह एक बार फिर अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गये, क्योंकि विधानसभाध्यक्ष ने बजट पर चर्चा के लिए पार्टियों का समय निर्धारित करते हुए भाजपा और बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा का अलग-अलग समय तय किया.

भाजपा ने बजट पर चर्चा के दौरान हंगामा जारी रखा, जिससे चर्चा को सुना नहीं जा सका. सदन के बाहर भाजपा ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी झामुमो, कांग्रेस और राजद के दबाव में विस अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को विपक्ष का नेता नहीं घोषित कर रहे हैं. भाजपा विधायक विरंची नारायण ने एक बार फिर आरोप लगाया कि वास्तव में सरकार राज्यसभा की दो सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनावों में हेर-फेर की दृष्टि से बाबूलाल मरांडी की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कराने की फिराक में है.

भाजपा ने सर्वसम्मति से बाबूलाल को चुना था नेता

नयी विधानसभा चुने जाने के बाद छह से आठ जनवरी तक हुए विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान भाजपा ने अपने विधायक दल के नेता का चुनाव नहीं किया था. बाद में 17 जनवरी को बाबूलाल मरांडी ने अपनी झारखंड विकास मोर्चा का भाजपा में विलय कर लिया, जिसके बाद 24 फरवरी को भाजपा विधायक दल की बैठक में मरांडी को भाजपा विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया.

इसकी सूचना विधानसभाध्यक्ष को देकर भाजपा ने मरांडी को विपक्ष का नेता बनाये जाने की अनुशंसा की थी, लेकिन विधानसभा सचिवालय ने बताया है कि फिलहाल अध्यक्ष ने इस मामले में अपना निर्णय नहीं लिया है. इससे पूर्व मंगलवार को सदन में आगामी वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया गया और अब उस पर सदन में विभागवार चर्चा प्रारंभ की गयी है.

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