बीजेपी का सचिवालय घेराव: आंदोलन के तेवर में लौटी भाजपा, शुरू हुआ चुनावी रिहर्सल, कार्यकर्ता हुए रिचार्ज
झारखंड के सभी सांसदों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी़ सांसद-विधायकों ने भी लंबे अंतराल के बाद संगठन के कार्यक्रम को हाथो-हाथ लिया. भीड़ जुटाने में सबकी भूमिका रही. इस प्रदर्शन में छोटानागपुर, कोल्हान, संताल परगना और पलामू समेत सारे प्रमंडलों की भागीदारी रही.
रांची, आनंद मोहन. झारखंड भाजपा का सचिवालय घेराव कार्यक्रम जोरदार रहा. सचिवालय घेराव में अच्छी खासी भीड़ उमड़ी. राज्य के हर जिले से कार्यकर्ता और नेता पहुंचे थे. भाजपा ने मंगलवार को हुए प्रदर्शन में पार्टी ने ताकत दिखायी. लंबे अंतराल के बाद पार्टी तेवर में लौटी है. हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में भाजपा का यह सबसे बड़ा प्रदर्शन था. पार्टी नेताओं में एकजुटता दिखी़ प्रदेश के बड़े-छोटे सभी नेता शामिल हुए. सब में एक जैसा उत्साह था. यह प्रदर्शन पार्टी की गोलबंदी का बड़ा संदेश देकर गयी है़ पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास और अर्जुन मुंडा ने एक साथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. एक मंच पर सारे दिखे.
झारखंड के सभी सांसदों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी़ सांसद-विधायकों ने भी लंबे अंतराल के बाद संगठन के कार्यक्रम को हाथो-हाथ लिया. भीड़ जुटाने में सबकी भूमिका रही. इस प्रदर्शन में छोटानागपुर, कोल्हान, संताल परगना और पलामू समेत सारे प्रमंडलों की भागीदारी रही. प्रदेश से जिला स्तर तक नेताओं में समन्वय का परिणाम था कि जगन्नाथपुर मैदान में भाजपा ने ताकत दिखायी. लंबे अंतराल के बाद भाजपा के कार्यकर्ता रिचार्ज हुए हैं. सचिवालय घेराव के कार्यक्रम के बाद पार्टी इस आंदोलन की फसल काटने में जुटेगी. हालांकि प्रदर्शन समाप्त होने के बाद प्रदेश नेतृत्व ने आंदोलन की घोषणा कर दी है.
प्रखंड से जिला स्तर तक राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बना ली है. इधर, आनेवाला वर्ष चुनावी वर्ष है. ऐसे में इस गोलबंदी के साथ पार्टी ने चुनावी रिहर्सल की शुरू कर दी है. नेताओं ने भी सचिवालय घेराव में 2024 के चुनाव का ही संदेश दिया है. कार्यकर्ताओं को चुनावी टास्क दिया है. पार्टी नेता बाबूलाल, रघुवर दास, अर्जुन मुंडा, निशिकांत दुबे, अन्नपूर्णा देवी, दीपक प्रकाश से लेकर बाकी नेताओं ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप तैयार हो जायें, झारखंड में सत्ता बदलना है.
भाजपा के नये प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने इस सचिवालय घेराव कार्यक्रम की अपने स्तर पर मॉनिटरिंग की थी. प्रदेश के नेताओं से लेकर जिला के नेताओं से संपर्क में रहे. नेताओं-कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने का काम किया. पिछले कई दिनों से वह लगातार बैठक कर तैयारी की समीक्षा करते रहे. प्रभारी प्रदेश के नेताओं में जुझारू तेवर भर रहे हैं.