Black Fungus Guidelines Jharkhand : ब्लैक फंगस का कैसे होगा इलाज ? क्या हैं इसके लक्षण और बचाव, झारखंड सरकार ने जारी की गाइडलाइन

इस गाइडलाइन में लक्षण, बचाव, उपचार और इसमें उपयोग होने वाली दवाओं के बारे में बताया गया है. गाइडलाइन में इस बीमारी के तहत होने वाले खतरों को लेकर भी आगाह किया गया है. साथ ही इलाज के दौरान होने वाली जांच और दवाइयों के बारे में भी बताया गया है. गाइडलाइन में एंफोटेरेसिन इंजेक्शन देने की अनुमति दी गयी है.

By Sameer Oraon | May 21, 2021 10:43 AM

Black Fungal Disease In Hindi, Mucormycosis Treatment In Jharkhand रांची : इस गाइडलाइन में लक्षण, बचाव, उपचार और इसमें उपयोग होने वाली दवाओं के बारे में बताया गया है. गाइडलाइन में इस बीमारी के तहत होने वाले खतरों को लेकर भी आगाह किया गया है. साथ ही इलाज के दौरान होने वाली जांच और दवाइयों के बारे में भी बताया गया है. गाइडलाइन में एंफोटेरेसिन इंजेक्शन देने की अनुमति दी गयी है.

कौन सी जांच जरूरी है :

सीबीसी, बीआइ शुगर, आरएफटी, कल्चर टेस्ट के लिए नाक से स्वाब, चेस्ट एक्सरे, एमआरआइ, सिटी स्कैन, पीएनएस, एंडोस्कोपी और वैसा कोई भी टेस्ट जो डॉक्टरों द्वारा सुझाया जायेगा. गाइडलाइन में एंफोटेरेसिन बी लिपोसोमल, एंफोटेरेसिन बी लिपिड कांप्लेक्स, केसपोफंगीन प्लस लिपिड पॉलिन, मायकाफंगीन दवा देने का सुझाव दिया गया है.

अपर मुख्य सचिव ने गाइडलाइन के अनुरूप ही इलाज का दिया निर्देश

गाइडलाइन में मरीज को एंफोटेरेसिन इंजेक्शन देने की अनुमति दी गयी है

क्या है ब्लैक फंगस

यह समस्या फंगस के कारण होती है. फंगस का नाम है म्यूकर. ये ज्यादातर उन लोगों में हो रहा है, जो डायबिटीज के मरीज हैं. हालांकि ये कोई नयी बीमारी नहीं है, पर कोरोना मरीजों में यह तेजी से फैल रहा है. कहा गया है कि लंबे समय से स्टेरॉयड लेने वाले मरीजों को भी ब्लैक फंगस का खतरा हो सकता है.

गाइडलाइन में यह भी कहा है कि जिनका डायबिटीज कंट्रोल में नहीं है, ऐसे लोगों को ब्लैक फंगस तेजी से अपना शिकार बना रहा है. जिन लोगों की इम्युनिटी कम है या जिन्हें पहले से कुछ बीमारियां हैं, वो इसके ज्यादा शिकार हो रहे हैं.

क्या है लक्षण

नाक बंद होना, सिर दर्द, आंखों में असहनीय दर्द. आंखों के पास सूजन, सबकुछ दो-दो दिखायी देना. आंखों का लाल होना. कई मामलों में आंखों से दिखायी नहीं देना. आंख बंद करने में दिक्कत, आंख खोलने में दिक्कत, चेहरे का सुन्न पड़ जाना या चेहरे पर झुनझुनी होना. किसी चीज को चबाने या खाने में तकलीफ, मुंह खोलने में तकलीफ, चेहरे का सूजन, नाक, गाल, आंख के आस-पास का एरिया सख्त हो जाना. छूने पर दर्द होना. दांतों का झड़ना. मुंह के अंदर काला पड़ना और सूजन आना. बुखार, खांसी, सीने में दर्द, पेट में दर्द व उल्टी होना आदि.

Posted By : Sameer Oraon

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