झारखंड में ब्लैक फंगस से 24 घंटे में पांच मरीजों की मौत, 4 नये मामले, जानें अब तक कितने मामले आये हैं सामने

इस तरह राज्य में अब तक ब्लैक फंगस के 130 मरीज मिल चुके हैं, जिसमें 79 मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 51 संदिग्ध हैं. वहीं, अब तक 37 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. श्री त्रिपाठी ने बताया कि भारत सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों की जल्द पहचान के लिए गाइडलाइन जारी की है. ऐसे 53 चेकलिस्ट प्वाइंट भी बनाये गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 15, 2021 6:33 AM
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ब्लैक फंगस के चार नये मरीज मिले, अब तक कुल 130 हुए

25 की हो चुकी है मौत, 37 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं

रांची, रामगढ़, गढ़वा, गोड्डा व कोडरमा के एक-एक मरीजों की हुई मौत

Black Fungus Patient In Jharkhand रांची : पिछले 24 घंटे में राज्य में ब्लैक फंगस से पांच मरीजों की मौत हो गयी है. इसके साथ ही राज्य में ब्लैक फंगस से मरनेवालों की संख्या 25 हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग के नोडल पदाधिकारी आइइसी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि रांची, रामगढ़, गढ़वा, गोड्डा और कोडरमा के एक-एक मरीजों की मौत हुई है. वहीं, चार नये मरीज मिले हैं.

इस तरह राज्य में अब तक ब्लैक फंगस के 130 मरीज मिल चुके हैं, जिसमें 79 मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 51 संदिग्ध हैं. वहीं, अब तक 37 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. श्री त्रिपाठी ने बताया कि भारत सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों की जल्द पहचान के लिए गाइडलाइन जारी की है. ऐसे 53 चेकलिस्ट प्वाइंट भी बनाये गये हैं.

इसमें चिकित्सकों को उसके अनुरूप जांच करने और इलाज करने का निर्देश है. गाइडलाइन के अनुसार, जहां कोविड-19 मरीजों का इलाज चल रहा है, वहां महत्वपूर्ण 30 बिंदुओं पर नजर रखना है. चिकित्सकों को मरीजों का कुछ सिम्पटम प्रतिदिन देखना है जैसे- मरीज को लगातार बुखार, सिर दर्द व नेजल डिस्चार्ज, चेहरे पर दर्द, दांत ढीले हो जाना, नाक के बीच कालापन और आंख में लाली के साथ दर्द आदि.

साथ ही कोमोर्बिड, कोई भी अंग ट्रांसप्लांट जैसी बातों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. जिस स्थान पर कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है, उस अस्पताल भवन में डंपिंग नहीं होना चाहिए. पानी की सफाई बेहतर होनी चाहिए और अस्पताल के फ्लोर पर झाड़ू नहीं, बल्कि पोछा लगाया जाना चाहिए. इसके साथ-साथ ब्लैक फंगस के इलाज के लिए चयनित टर्शरी केयर सेंटर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की पूरी टीम होनी चाहिए. इसमें इएनटी, आइ, न्यूरो सहित कई विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर जरूर होने चाहिए.

Posted By : Sameer Oraon

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