झारखंड : रियल इस्टेट में काला धन लगाने पर लगेगी रोक, कैश लेन-देन की जांच करेगा रेरा
टैक्स बचाने के लिए प्रॉपर्टी की कीमत कम बताना, खरीद-बिक्री में नगद इस्तेमाल करने की जानकारी छुपाना, ब्रोकरेज या एजेंट की लागत गलत बताना जैसे कई अलग-अलग तरीकों से संपत्ति की खरीद-बिक्री में काला धन लगाया जाता है.
रांची, विवेक चंद्र. झारखंड में रियल इस्टेट के धंधे में काला धन के इस्तेमाल पर लगाम लगाने की तैयार कर ली गयी है. बहुमंजिली इमारतों में फ्लैटों या दुकानों की खरीद-बिक्री में इस्तेमाल की जानेवाली नगद राशि की जांच रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) करेगा. काला धन इस्तेमाल होने की आशंका या पुष्टि होने पर रेरा इडी व इनकम टैक्स जैसी जांच एजेंसियों को सूचित करेगा. भारत सरकार ने रेरा को गाइडलाइंस फॉर रिपोर्टिंग एनटिटिज (रियल इस्टेट एजेंट्स) अंडर द प्रीवेंशन ऑफ मनी लाउंड्री एक्ट-2022 के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया है. नगर विकास विभाग को भी इसकी जानकारी दी गयी है.
रियल इस्टेट के धंधे में काला धन का इस्तेमाल नयी बात नहीं है. बीते दशकों में देश भर में इस तरह के सैकड़ों मामले पकड़े जा चुके हैं. टैक्स बचाने के लिए प्रॉपर्टी की कीमत कम बताना, खरीद-बिक्री में नगद इस्तेमाल करने की जानकारी छुपाना, ब्रोकरेज या एजेंट की लागत गलत बताना जैसे कई अलग-अलग तरीकों से संपत्ति की खरीद-बिक्री में काला धन लगाया जाता है. इस तरह से टैक्स बचाने के साथ काला धन सफेद करने का भी धंधा चलता है. इसमें क्रेता, विक्रेता और दलाल तीनों को ही मुनाफा होता है. इस वजह से रियल इस्टेट के धंधे में बड़े पैमाने पर काला धन लगता रहा है.
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आमलोग भी रेरा तक पहुंचा सकते हैं इस तरह की सूचनाएं
झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथोरिटी (झारेरा) के अध्यक्ष रंजीत कुमार चौधरी कहते हैं कि रेरा का गठन ही रियल इस्टेट के काम को पारदर्शी बनाते हुए उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए हुआ है. एंटी मनी लाउंड्रिंग, काउंटरिंग द फाइनांशिंग ऑफ टेररिज्म एंड काॅम्बैटिंग प्रोलाइफरेशन फाइनांसिंग गाइडलाइंस फॉर रियल इस्टेट एजेंट्स, 2023 के तहत भारत सरकार से निर्देश प्राप्त हुए हैं. रियल इस्टेट के काम में काले धन का इस्तेमाल रोकने के लिए रेरा निश्चित रूप से काम करेगा. आमलोग भी इस तरह की सूचनाएं कभी भी रेरा तक पहुंचा सकते हैं. तय प्रावधानों के मुताबिक कार्रवाई की जायेगी.