झारखंड (Jharkhand News) की राजधानी रांची (Ranchi) में रहने वाले ब्लाइंड क्रिकेटर सुजीत मुंडा (Blind Cricketer Sujit Munda) ने अपनी पत्नी से कहा था कि वह टीम इंडिया को वर्ल्ड कप (World Cup) दिलाकर ही लौटेंगे. सुजीत की पत्नी को अपने पति पर गर्व है. वह कहती हैं कि खाने की भी दिक्कत रहती थी, लेकिन कभी उन्होंने प्रैक्टिस नहीं छोड़ी. बेंगलुरु में जब उनका कैंप लगा, तो सुबह 6 बजे से शाम तक वह पसीना बहाते थे. सुजीत के दोनों बच्चों को जब पता चला कि उनके पिता ने वर्ल्ड कप जीत लिया है, तो दोनों को उनके लौटने का इंतजार था. मां से बार-बार यही पूछते कि पापा कब लौटेंगे. सुजीत मुंडा की पत्नी ने बताया कि फोन पर वह उसे लगातार मोटिवेट करती थी. मेहनत करने के लिए प्रेरित करती थी. बता दें कि सुजीत मुंडा झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा में रहते हैं. वह मूल रूप से खूंटी जिला के गोविंदपुर गांव के रहने वाले हैं. संघर्ष में तपकर कुंदन बने सुजीत मुंडा (Sujit Munda Blind Cricketer) के गेंद की स्पीड 140 किलोमीटर के आसपास है. इसलिए उन्हें झारखंड का जसप्रीत बुमराह (Jaspreet Bumrah of Jharkhand) भी कहा जाता है.
Blind cricketer Sujit Munda, who lives in Jharkhand’s capital Ranchi, had told his wife that he would return only after winning the World Cup for Team India. Sujit’s wife is proud of her husband. She says that there was a problem of eating too, but she never stopped practicing. When his camp was set up in Bangalore, he used to sweat from 6 in the morning till evening. When both of Sujit’s children came to know that their father had won the World Cup, both were waiting for his return. He used to ask his mother again and again when would his father return. Sujit Munda’s wife told that she used to motivate him continuously on the phone. Motivated to work hard. Please tell that Sujit Munda lives in Dhurwa of Ranchi, the capital of Jharkhand. He is originally a resident of Govindpur village in Khunti district. The speed of the ball of Sujit Munda, who became Kundan in the struggle, is around 140 km. That’s why he is also called Jaspreet Bumrah of Jharkhand.