झारखंड में पहली बार 3.20 लाख यूनिट खून संग्रहित, फिर भी लक्ष्य से कम
जेसेक्स के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020-21 में 2,18,154 यूनिट और वर्ष 2021-22 में 2,57,878 यूनिट खून संग्रहित हुआ था. वहीं, वर्ष 2022-23 में 3,20,294 यूनिट खून संग्रहित किया गया.
झारखंड में पहली बार 3,20,294 यूनिट खून का संग्रहण हुआ है. झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति (जेसेक्स) ने इसकी पुष्टि की है. जेसेक्स के अनुसार हर साल राज्य में 3.50 लाख यूनिट (कुल आबादी का एक फीसदी) खून की जरूरत होती है, लेकिन अब तक राज्य लक्ष्य के इतने करीब नहीं पहुंच पाया था. हर साल 1.50 से 1.75 लाख यूनिट खून कम संग्रहित हो पाता था. हालांकि, इस साल लक्ष्य से 29,706 यूनिट खून कम संग्रहित हुआ है.
जेसेक्स के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020-21 में 2,18,154 यूनिट और वर्ष 2021-22 में 2,57,878 यूनिट खून संग्रहित हुआ था. वहीं, वर्ष 2022-23 में 3,20,294 यूनिट खून संग्रहित किया गया. यह सफलता ब्लड बैंकों द्वारा सामाजिक संस्थाओं के साथ गठजोड़ कर ज्यादा से ज्यादा रक्तदान शिविर आयोजित करने कारण संभव हुआ है. सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर लोग शिविर में स्वैच्छिक रक्तदान करने आ रहे हैं.
वर्ष 2022
अप्रैल 24,385
मई 25,045
जून 30,817
जुलाई 27,881
अगस्त 28,924
सितंबर 32,030
अक्तूबर 23,450
नवंबर 27,040
दिसंबर 27,197
वर्ष 2023
जनवरी 23,984
फरवरी 23,364
मार्च 26,177
गर्मी के दिनों में भी अधिक एकत्र हुआ खून
स्वैच्छिक रक्तदान गर्मी के दिनों में हर साल कम होती थी, लेकिन वर्ष 2022-23 में गर्मी के दौरान पिछले दो साल के मुकाबले दोगुना खून संग्रहित किया गया. आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल में 24,385, मई में 25,045 और जून में 30,817 यूनिट खून संग्रहित किया गया था. जबकि, गर्मी के इस महीने में 20,000 यूनिट से कम खून संग्रहित हुआ था.
अलग राज्य बनने के बाद पहली बार इस वित्तीय वर्ष में 3,20,294 यूनिट रक्त संग्रह हुआ है. हम लक्ष्य के करीब पहुंच गये हैं. उम्मीद है कि हम इस साल लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे. कोरोना के बाद लोग रक्तदान के महत्व को समझ रहे हैं. युवाओं की भागिदारी बढ़ रही है.
डॉ भुवनेश प्रताप सिंह,
परियोजना निदेशक, जेसेक्स