बिपिन सिंह, रांची : झारखंड में वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक करीब 4.50 लाख यूनिट रक्त संग्रह किया गया है. स्वास्थ्य विभाग के इस काम में 65 ब्लड बैंकों ने सहयोग किया. लेकिन, दूरदराज (जनजातीय बहुल) के इलाकों में मरीजों के ब्लड सैंपल एकत्र करने व ब्लड उपलब्ध कराने में परेशानी होती है. इसके लिए राज्य सरकार ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है. ड्रोन तकनीक के जरिये एफआरयू, सीएचसी व पीएचसी में रक्त संबंधी जरूरतें पूरी की जायेगी. ज्ञात हो कि आई-ड्रोन से कोविड के दौरान पूर्वोत्तर के राज्यों में सफलतापूर्वक वैक्सीन पहुंचायी गयी थी.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने इसकी मंजूरी दे दी है. इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर राज्य के सभी जिलों में इसे लागू किया जायेगा. सरकार का दावा है कि दूरदराज के इलाकों में गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मेडिकल जांच एवं सैंपल रिपोर्टिंग की जानकारी ड्रोन के माध्यम से उपलब्ध कराना राज्य के लिए हितकारी कदम साबित होगा. स्वास्थ्य विभाग वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजटीय प्रारूप में कई प्रस्ताव शामिल करने जा रहा है.
सीमित दूरी की रेंजवाले ड्रोन का होगा इस्तेमाल
सरकार का मानना है कि इसके माध्यम से आपात स्थिति में दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में बेहतर जांच एवं सैंपल रिपोर्टिंग में ड्रोन तकनीक उपयोगी साबित होगी. इसमें पहले ड्रोन टेक्नोलॉजी का स्थानीय स्तर पर वाइब्रेशन और ऊंचाई पर उड़ने से हवा के दबाव सहित अन्य रिकाॅर्ड्स का अध्ययन किया जायेगा. परियोजना में सीमित दूरी की रेंजवाले ड्रोन के माध्यम से ब्लड सैंपल एकत्र किये जायेंगे.