कांके डैम में बंद की गयी बोटिंग
इस बार कांके डैम पूरी तरह से जलकुंभी और विशेष प्रकार की जलीय घास की चपेट में आ गया है.
रांची. इस बार कांके डैम पूरी तरह से जलकुंभी और विशेष प्रकार की जलीय घास की चपेट में आ गया है. डैम से जलकुंभी को हटाने के लिए एक माह से नगर निगम का वीड हार्वेस्टर लगा हुआ है. इससे रोज छह गाड़ी जलकुंभी निकाली जाती है, लेकिन डैम को अब तक इससे मुक्ति नहीं मिल सकी है. यह समस्या नगर निगम के लिए अब बड़ी चुनौती बन गयी है. अचानक फैली इस जलकुंभी और जलीय घास के कारण डैम में पर्यटन विभाग द्वारा करायी जा रही बोटिंग पूरी तरह बंद है. यहां डैम के किनारे बोट तो खड़ा है, लेकिन इसे जलकुंभी ने पूरी तरह से घेर लिया है. वहीं डैम के पूर्वी छोर पर मछली पालन का काम तो किया जा रहा है. लेकिन मछली पकड़ने का काम बंद हो गया है. बताते चलें कि कांके डैम से पानी की आपूर्ति शहर के एक बड़े इलाके में की जाती है. लेकिन हाल के दिनों में यह डैम पूरी तरह से जलकुंभी और एक प्रकार की जलीय घास के चपेट में आ गया है. नतीजा डैम हर ओर से हरा ही नजर आ रहा है.
जलकुंभी के फैलाव को नेट लगाकर रोका
डैम में मछली पालन का काम करने वाले नरेंद्र पांडेय की मानें, तो पहले भी डैम में जलकुंभी रहती थी. लेकिन ऐसा ग्रोथ किसी जलकुंभी का नहीं होता था. यह विदेशी घास या जलकुंभी है, जो किसी प्रकार से डैम में आ गया है. नतीजा यह बहुत तेजी से ग्रोथ कर रहा है. वहीं डैम में काम कर रहे निगमकर्मी की मानें तो यह घास छठ घाट तक नहीं फैल जाये, इसके लिए पानी में ही नेट लगाकर रोका गया है. डैम के किनारे टहलने पर भी आयी आफत : कांके डैम की पहचान पर्यटन स्थल के रूप में भी है. ऐसे में प्रतिदिन हजारों की संख्या में यहां लोग टहलने व मनोरंजन के लिए आते हैं. लेकिन, जलकुंभी से भरे इस डैम के पानी से अब बदबू आनी शुरू हो गयी है. इस जलीय घास के कारण डैम का पानी भी हरा हो गया है.