रांची : बोकारो निवासी कोरोना संक्रमित (69 वर्ष) एक महिला की मंगलवार की सुबह रिम्स में इलाज के दौरान मौत हो गयी. कोरोना की पुष्टि के बाद तीन दिन पहले राजधानी के एक निजी अस्पताल से उसे रिम्स में भर्ती कराया गया था. ब्रेन हेमरेज के बाद उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान कोरोना जांच के लिए उसका सैंपल लेकर कोलकाता भेजा गया था. वहां से जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद रिम्स में शिफ्ट किया गया था.
रिम्स कोविड अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि महिला निजी अस्पताल से गंभीर अवस्था में यहां भर्ती हुई थी. उसका हर संभव इलाज किया गया. मंगलवार की सुबह उसकी स्थिति बिगड़ गयी. शव को शीतगृह में रखा गया. प्रशासनिक प्रक्रिया के बाद जिला प्रशासन के सहयोग से महिला का अंतिम संस्कार किया जायेगा. गौरतलब है कि रिम्स में अभी तक चार कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है. ये सभी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे.
डालसा ने कोरेंटिन सेंटर का निरीक्षण किया
रांची. झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार, रांची (झालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष सह हाइकोर्ट के जज एचसी मिश्रा के निर्देश के आलोक में मंगलवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची (डालसा) की टीम ने पारस एचइसी हाॅस्पिटल स्थित कोरेंटिन सेंटर का निरीक्षण किया़ डालसा अध्यक्ष नवनीत कुमार के आदेश पर सचिव अभिषेक कुमार ने टीम गठित की थी़
कोरेंटिन सेंटर की किरण खलखो, बसंती कुजूर ने बताया कि ट्रेन से जितने भी प्रवासी मजदूर रांची आते हैं, उनकी जांच पहले यहां पर की जाती है़ रेड जोन से आनेवाले को खेलगांव में 14 दिनों के लिए और जो प्रवासी मजदूर ग्रीन जोन व ओरेंज जोन से आते है उनलोगों को 14 दिनों के लिए होम कोरेंटिन किया जाता है़
सैंपल लेने के बाद आइसोलेशन वार्ड में मरीज को रखना होगा
रांची. निजी अस्पतालों को पांच से 10 बेड का आइसाेलेशन वार्ड तैयार करना होगा. स्वास्थ्य सचिव ने इस संबंध में सिविल सर्जन काे आदेश दिया है. गाइडलाइन के हिसाब से भर्ती मरीज में कोरोना का अंदेशा होने पर अस्पताल आइसाेलेशन वार्ड में मरीज को रखेंगे. जांच रिपोर्ट आने तक इलाज आइसोलेशन वार्ड में होगा. रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल को मरीज का इलाज आगे भी करना पड़ सकता है.
अगर मरीज को मुश्किल परिस्थिति में रेफर करना पड़ता है, तो उसकी विधिवत जानकारी जिला प्रशासन व रेफरल अस्पताल को देनी हाेगी. सचिव के निर्देश के बाद सिविल सर्जन डॉ वीबी प्रसाद नयी गाइडलाइन तैयार कर रहे हैं. दो से तीन दिन में निजी अस्पतालों को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जायेगी.
डॉ प्रसाद ने बताया कि विगत दिनों में अस्पताल द्वारा सैंपल लेकर मरीज को रेफर कर दिया गया. ऐसे में कोरोना के फैलाव की संभावना बनी हुई थी. मरीज को खोजने में परेशानी हुई. अस्पतालों द्वारा परिसर में व्यवस्था होने से इस पर रोक लगेगी. रिपोर्ट आने के बाद आवश्यकता पड़ती है, तो मरीज को खुद शिफ्ट करा लिया जायेगा.
posted by : Pritish Sahay