ranchi news : झारखंड के तीर्थयात्री संत फ्रांसिस के दर्शन के लिए जा रहे हैं गोवा

ranchi news : संत फ्रांसिस जेवियर का पवित्र शरीर बोम जीसस बासिलिका में संरक्षित रखा गया है. संत फ्रांसिस जेवियर का शरीर हर 10 वर्ष में एक बार दर्शनार्थियों के लिए रखा जाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 29, 2024 12:13 AM
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रांची (प्रवीण मुंडा). झारखंड की ईसाई तीर्थयात्रियों के लिए गोवा स्थित बोम जीसस बासिलिका पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है. इस बार इसकी बहुत खास वजह है संत फ्रांसिस जेवियर का दर्शन. संत फ्रांसिस जेवियर का पवित्र शरीर बोम जीसस बासिलिका में संरक्षित रखा गया है. संत फ्रांसिस जेवियर का शरीर हर 10 वर्ष में एक बार दर्शनार्थियों के लिए रखा जाता है. पिछली बार 2014 में लोगों ने संत फ्रांसिस का दर्शन किया था. 2024 में एक बार फिर मौका मिल रहा है.

पांच जनवरी तक दर्शन कर पायेंगे

डेनियल पॉल टूर एंड ट्रैवल एजेंसी के संचालक राकेश एक्का ने बताया कि 21 नवंबर से पांच जनवरी तक लोग संत फ्रांसिस जेवियर का दर्शन कर पायेंगे. उनके शरीर को दर्शन के लिए बोम जीसस बासिलिका के पास ही स्थित एक अन्य चर्च में रखा गया है. पांच नवंबर के बाद शरीर को वापस बोम जीसस बासिलिका में पूर्व निर्धारित स्थल पर रखा जायेगा. राकेश एक्का ने बताया कि इस बार झारखंड से 53 तीर्थयात्री गोवा जा रहे हैं. इनमें रांची, दुमका, गुमला और राउरकेला के लोग शामिल हैं. उन्होंने कहा कि संत फ्रांसिस जेवियर के दर्शन की वजह से इस बार गोवा में काफी लोग जा रहे हैं, इसलिए एक साल पहले ही झारखंड के दर्शनार्थियों के लिए होटल बुकिंग हो चुकी थी. बोम जीसस बासिलिका ओल्ड गोवा में स्थित है. यह चर्च 15 मई 1605 में बना था. ओल्ड गोवा में बोम जीसस बासिलिका के अलावा कई और पुराने चर्च हैं. ओल्ड गोवा में एक संग्रहालय भी है, जिस पर पुर्तगालियों के इतिहास से संबंधित कलाकृतियां, तस्वीरें और मूर्तियां हैं.

वेलांकिनी भी जा रहे

कैथोलिक विश्वासियों के लिए तमिलनाडु स्थित वेलांकिनी भी एक पवित्र तीर्थस्थान है. बीते 25 सितंबर से तीन अक्तूबर के बीच झारखंड के 35 तीर्थयात्री वेलांकिनी की यात्रा पर गये थे.

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