ranchi news : एक्सआइएसएस रांची में सुशील एक्का की पुस्तक का हुआ लोकार्पण
ranchi news : लेखक सुशील एक्का की पुस्तक 'अचीव योर फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस एंड लिव योर ड्रीम लाइफ' के लोकार्पण सत्र में अतिथियों ने अहम सुझाव दिये़
रांची. युवा अवस्था में लोग अपने रोजगार से होनेवाले आर्थिक लाभ को सही दिशा नहीं देते. इसका नुकसान एक उम्र के बाद पता चलता है. आर्थिक समस्या में लोग अक्सर लोन लेते हैं, जबकि यह रोजगार कर रहे व्यक्ति के लिए आर्थिक क्षति है. इस परिस्थिति में इंसान को शुरू से ही फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस अर्ली ऐज (फायर) यानी सेवानिवृत्त होने से पूर्व ही आर्थिक स्वतंत्रता की सोच विकसित करनी होगी. इसके लिए बचत, निवेश और वित्तीय नियोजन पर विचार करना होगा. बिना जरूरत के खर्च करना आर्थिक अनुशासन का हनन है. ये बातें एक्सआइएसएस के सहायक निदेशक डॉ प्रदीप केरकेट्टा एसजे ने कहीं. वे पिछले दिनों संस्थान के सभागार में लेखक सुशील एक्का की पुस्तक ””””अचीव योर फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस एंड लिव योर ड्रीम लाइफ”””” के लोकार्पण सत्र में बतौर अतिथि बोल रहे थे.
एसआइपी और म्युचुअल फंड उपयोगी
डॉ प्रदीप केरकेट्टा ने कहा कि शुरुआत से ही यदि व्यक्ति अपनी आय स्थिर रखने की कोशिश करे, तो बचत करना संभव है. वर्तमान में एसआइपी और म्युचुअल फंड जैसे स्कीम बचत करने में उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं. वहीं, मुख्य अतिथि उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की प्राचार्य सिस्टर डॉ मेरी ग्रेस ने लोगों को बचत के लिए प्रेरित किया. निवेश से पूर्व संबंधित प्लान समझने और आर्थिक जोखिमों से बचने पर भी जोर दिया. आर्थिक समस्या से निबटने की हिम्मत देगी पुस्तकसेवानिवृत्ति से पूर्व ही वित्तीय स्वतंत्रता हासिल की जा सकती है
पुस्तक के लेखक सुशील एक्का ने कहा कि यह पुस्तक उन लोगों के लिए मार्गदर्शन का काम करेगी, जो अपनी शर्तों पर जीवन जीना चाहते हैं. वित्तीय नियोजन करने से असमय आनेवाली आर्थिक समस्या से निबटने की हिम्मत मिलती है. पैसा कमाने के साथ उसे संपत्तियों में निवेश कर सेवानिवृत्ति की आयु से पूर्व ही वित्तीय स्वतंत्रता हासिल की जा सकती है. अतिथि वक्ता कार्गिल इंडिया के पूर्व निदेशक जॉन जोसेफ ने पुस्तक को पेशेवर, उद्यमियों और अपने वित्त पर नियंत्रण पाने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए की-नोट बताया. लेखक परिचय देते हुए बताया कि सुशील एक्का माइनिंग इंजीनियरिंग सर्विसेस अफ्रीका में बतौर हेड एचआर कार्यरत हैं. उन्होंने अपने अनुभव और भावना के बल पर पुस्तक लिखी है, जो दूसरों को वित्तीय चुनौतियों का हल देगी. इस अवसर पर फादर सुशील सोरेंग, सिस्टर सुजाता कुजूर, फादर इग्नासियुस लकड़ा, फादर गोम्स, स्पेनिन के निदेशक डॉ कुमार संजय आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है