इंडिया-एनडीए दोनों सत्ता के करीब, टाइट फाइट वाली आठ से 10 सीटें बदलेंगी खेल

झारखंड में विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है. दो चरणों में 81 सीटों के लिए मतदाताओं ने अपना फैसला सुना दिया है. झारखंड की सत्ता फिलहाल इवीएम में लॉक हैं. अब सभी को 23 नवंबर का इंतजार है. इधर, झारखंड की सत्ता का ताज किसके सर सजेगा, इसको लेकर अटकलें चल रही हैं. कहीं एनडीए, तो कहीं इंडिया गठबंधन को आगे बताया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2024 12:39 AM

आनंद मोहन(रांची). झारखंड में विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है. दो चरणों में 81 सीटों के लिए मतदाताओं ने अपना फैसला सुना दिया है. झारखंड की सत्ता फिलहाल इवीएम में लॉक हैं. अब सभी को 23 नवंबर का इंतजार है. इधर, झारखंड की सत्ता का ताज किसके सर सजेगा, इसको लेकर अटकलें चल रही हैं. कहीं एनडीए, तो कहीं इंडिया गठबंधन को आगे बताया जा रहा है. झारखंड विधानसभा के चुनाव में दो ध्रुवों के बीच लड़ाई रही. वोटरों की गोलबंदी भी इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच रही, यही कारण रहा है कि आठ से 10 सीटों पर टाइट फाइट है. यह मानकर चला जा रहा है कि विधानसभा में इस बार इंडिया और एनडीए दोनों ही सत्ता के करीब होंगे. कुर्सी तक का रास्ता इन्हीं टाइट फाइटवाली आठ से 10 सीट तय करेंगी. वहीं, इस चुनाव में हेमंत सोरेन सरकार की योजनाओं का अंडर करंट की तलाश भी हो रही है. कोल्हान, संताल परगना और दूसरे प्रमंडलों के ग्रामीण इलाके में वोट बढ़े हैं. इसमें महिलाओं के वोट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मंईयां सम्मान योजना, बिजली माफी योजना, पुरानी पेंशन स्कीम जैसी योजनाओं को हेमंत सोरेन का ‘मास्टर स्ट्रोक’ माना जा रहा है.

कांग्रेस के प्रदर्शन के भरोसे हेमंत सोरेन सरकार की किस्मत

हेमंत सोरेन सरकार ने चुनावी जमीन तैयार कर दी थी, अब फसल काटने की बारी प्रत्याशियों की थी. इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को एंटी इंकबैंसी हावी रहा होगा, तो इस गठबंधन का ग्राफ घटेगा. वहीं, कांग्रेस के प्रदर्शन के भरोसे हेमंत सोरेन सरकार की किस्मत तय होनी है. पिछले चुनाव में कांग्रेस 16 सीट लेकर आयी थी. इस चुनाव में कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा. अनुमान लगाया जा रहा है कि कांग्रेस को नुकसान हो सकता है. कांग्रेस को ज्यादा डैमेज होता है, तो इसका सीधा असर इंडिया गठबंधन पर पड़ेगा. माले और राजद अपना पिछला रिकॉर्ड सुधार सकते हैं. इधर, भाजपा पूरी तरह कोल्हान और संताल परगना के भरोसे है. कोल्हान में भाजपा चार से पांच सीट मान कर चल रही है. पिछली बार कोल्हान की इन सीटों पर खाता भी नहीं खुला है. वहीं, संताल में भाजपा पिछली बार चार सीटें लेकर आयी थी. यहां भी नेताओं को भरोसा है कि बांग्लादेशी घुसपैठ वाले नैरेटिव से हालात बदल लेंगे. चुनाव का मिजाज ऐसा रहा, तो ही भाजपा सत्ता की ओर रुख करेगी. लेकिन झामुमो सभी आदिवासी रिजर्व सीटों पर पहले जैसी गोलबंदी मानकर चल रहा है. अगर झामुमो के वोटर इस क्षेत्र में इंटैक्ट रहे, तो फिर झामुमो की राह आसान होगी. बहरहाल झारखंड की सियासी गलियारे में सस्पेंस बरकरार है. दोनों ही गठबंधनों के अपने-अपने दावे हैं.

जनता ने झामुमो और इंडिया गठबंधन को दिया आशीर्वाद : हेमंत

झारखंड विधानसभा चुनाव का दूसरा और अंतिम चरण बुधवार को संपन्न हो गया. चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जनता ने झामुमो और ‘इंडिया गठबंधन’ को अपना आशीर्वाद दिया है. उन्होंने कहा कि झारखंड की पावन धरती पर लोकतंत्र का यह महापर्व अद्भुत रहा. दोनों चरणों में राज्य की जनता ने अपनी आकांक्षाओं और आशाओं को मतदान के माध्यम से अभिव्यक्त किया है.

हेमंत सरकार जा रही है, 51 सीटें जीतेगा एनडीए : बाबूलाल मरांडी

रांची. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में हेमंत सरकार जा रही है और भाजपा (एनडीए) की पूर्ण बहुमत की सरकार आ रही है. उन्होंने दावा किया कि एनडीए 51 सीटों पर जीत दर्ज करेगा. मजबूत सरकार व विकसित झारखंड बनाने के लिए राज्य की जनता ने जम कर मतदान किया है. श्री मरांडी बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

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