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झारखंड के निजी स्कूलों में पढ़ रहे BPL बच्चों के लिए राशि का आवंटन, 18762 लोग हैं अध्ययनरत

निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बीपीएल बच्चों की फीस के लिए सरकार द्वारा प्रति माह 425 रुपये दिये जाते हैं. राज्य में वर्ष 2011 से शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी है.

रांची : राज्य के निजी स्कूलों में पढ़नेवाले बीपीएल बच्चों की फीस के लिए जिलों को राशि आवंटित कर दी गयी है. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा जिलों को 6.79 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. राज्य के निजी स्कूलों में 18762 बीपीएल बच्चे पढ़ रहे हैं. इन बच्चों का नामांकन शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधान के तहत हुआ है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में इंट्री क्लास में कुल सीट की 25 फीसदी सीट पर बीपीएल बच्चों के नामांकन का प्रावधान है. इन बच्चों का शिक्षण शुल्क सरकार द्वारा दिया जाता है. शुल्क की 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा जिलों को जुलाई में राशि दी गयी थी.

जिलों ने अब तक 17 फीसदी राशि विद्यालयों को दी है :

जिलों के द्वारा अब तक 17 फीसदी राशि विद्यालयों को दी गयी है. 17 जिलों के द्वारा सितंबर महीने के अंत तक स्कूलों को एक भी रुपया नहीं दिया गया था. सरायकेला-खरसावां, रांची, पूर्वी सिंहभूम, पलामू, लोहरदगा, कोडरमा, खूंटी, जामताड़ा, हजारीबाग, गुमला, गोड्डा, दुमका, धनबाद, चतरा और बोकारो में इस मद में दी गयी राशि का एक फीसदी भी खर्च नहीं हुआ है. देवघर और पश्चिमी सिंहभूम जिला में शत-प्रतिशत राशि विद्यालयों को दे दी गयी थी. गिरिडीह में 97 फीसदी, पाकुड़ में 95 फीसदी व रामगढ़ में 94 फीसदी राशि खर्च हुई है. निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बीपीएल बच्चों की फीस के लिए सरकार द्वारा प्रति माह 425 रुपये दिये जाते हैं. राज्य में वर्ष 2011 से शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी है. इस राशि में वर्ष 2011 से अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.

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पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि 15 दिनों में जायेगी

सभी जिलों को छात्रवृत्ति की राशि का आवंटन अगले 15 दिनों में कर दिया जायेगा. जिलों को राशि प्राप्त होते ही छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान सुनिश्चित किया जायेगा. यह बात राज्य के आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा ने कही. आयुक्त ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति मिलने में हो रहे विलंब के कारण विद्यार्थियों को हो रही असुविधाओं से राज्य सरकार अवगत है. विद्यार्थियों को शीघ्र भुगतान के लिए प्रतिबद्ध प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि भुगतान में विलंब की मूल वजह सिंगल नोडल अकाउंट (एसएनए) व्यवस्था में आयी तकनीकी समस्या है. श्री झा ने कहा कि विलंब से शुरू होनेवाले बीएड के लिए ई-कल्याण पोर्टल पर आवेदन करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. 15 नवंबर से आदिवासी कल्याण आयुक्त कार्यालय द्वारा स्कॉलरशिप हेल्पलाइन शुरू की जा रही है. हेल्पलाइन पर शिकायतें प्राप्त कर छात्रवृत्ति हासिल करने में विद्यार्थियों को होने वाली समस्याओं का त्वरित निपटारा किया जायेगा.

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