अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत में सोमवार को चर्चित व्यवसायी बंधु हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल दोहरे हत्याकांड मामले की सुनवाई हुई. दोनों भाइयों की हत्या अशोकनगर रोड नंबर-1 स्थित साधना न्यूज चैनल के ऑफिस में छह मार्च 2019 को की गयी थी.
अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत में सोमवार को चर्चित व्यवसायी बंधु हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल दोहरे हत्याकांड मामले की सुनवाई हुई. दोनों भाइयों की हत्या अशोकनगर रोड नंबर-1 स्थित साधना न्यूज चैनल के ऑफिस में छह मार्च 2019 को की गयी थी.
मामले में सहायक लोक अभियोजक वेद प्रकाश और उनके सहयोगी सिद्धार्थ सिंह ने अभियोजन की ओर से 19 गवाह प्रस्तुत किये. इनमें गार्ड वीरेंद्र प्रसाद, व्यवसायी बंधुओं के परिजन, एफएसएल के जांच अधिकारी, पोस्टमार्टम करनेवाले डॉक्टर, हथियार की जांच करनेवाले अधिकारी, केस के दो जांच अधिकारी पूर्व अरगोड़ा थाना प्रभारी राजीव रंजन लाल, विनोद कुमार आदि शामिल हैं.
गौरतलब है कि 15 जून को मामले में दोनों पक्षों की दलील समाप्त हो गयी थी. उसके बाद अदालत ने इस मामले में फैसले के लिए 26 जून की तिथि निर्धारित की थी. सोमवार को फैसले के लिए सभी आरोपियों को दूसरी पाली में दोपहर 2:00 बजे के बाद लाया गया.
अदालत में अभियोजन और आरोपियों के अधिवक्ता व कुछ अन्य लोग उपस्थित थे. रविशंंकर लाल के इस हत्या में शामिल नहीं होने की बात सामने आयी थी, जिसके आधार पर अदालत ने उसे रिहा कर दिया, जबकि अन्य आरोपियों को 302, 201, 120 (बी) व 27 आर्म्स एक्ट में दोषी मानते हुए अदालत ने सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए 30 जून की तिथि निर्धारित की.
छह मार्च 2019 को सगे भाई महेंद्र अग्रवाल (36) और हेमंत अग्रवाल (34) की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. हत्या का आरोप साधना न्यूज चैनल के हेड लोकेश चौधरी, एमके सिंह, धर्मेद्र तिवारी, सुनील सिंह व रविशंकर लाल (ड्राइवर) पर लगा था. मूल रूप से धनबाद के झरिया (पोद्दार पाड़ा) के रहनेवाले व्यवसायी बंधु राजधानी के लालपुर में रहकर व्यवसाय कर रहे थे.
इनके परिवार के अन्य लोग बैंक मोड (धनबाद) में रहते हैं. छह मार्च 2019 को शाम चार बजे दोनों भाई लालपुर स्थित अपने घर से निकले थे. वे पांच लाख रुपये की बकाया वसूली के लिए अशोकनगर रोड नंबर-1 स्थित साधना न्यूज चैनल के ऑफिस में वहां गये थे. इधर, लालपुर थाना क्षेत्र के मुक्ति शरण लेन स्थित शिवम अपार्टमेंट में परिजन उनका इंतजार कर रहे थे.
रात तक जब वे घर नहीं लौटे, तो घरवालों ने लालपुर थाना में गुमशुदगी का सनहा दर्ज कराया. घटना की सूचना मिलते ही उनके बड़े भाई शेखर अग्रवाल रांची आये, फिर घटनास्थल पर भी पहुंचे. पुलिस को उन्होंने कई जानकारियां दीं. उनकी शिकायत पर अरगोड़ा थाने में उक्त आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था.
छह मार्च 2019 को व्यवसायी बंधु की गोली मार कर हत्या की गयी
सात मार्च 2019 को अरगोड़ा थाना में पांच के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
चार जून 2019 को पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दायर किया
27 अगस्त 2019 एमके सिंह, धर्मेंद्र, रविशंकर व सुनील पर आरोप गठन
नौ दिसंबर 2020 को लोकेश चौधरी ने अदालत में सरेंडर किया
धारा- 302 : उम्र कैद और फांसी दोनों सजा का प्रावधान है.
धारा-201 : साक्ष्य छुपाने के िलए सात साल की सजा व जुर्माना का प्रावधान है.
धारा-120 (बी) : आपराधिक षडयंत्र, जो आजीवन कारावास तथा फांसी की सजा के साथ-साथ चलनेवाली धारा है.
धारा-27 : आर्म्स एक्ट में तीन से सात साल की सजा व जुर्माना का प्रावधान है