अजय दयाल, रांची : राजधानी में सक्रिय ब्राउन शुगर के धंधेबाजों पर पुलिस की कार्रवाई जारी है. कई ड्रग तस्कर और पैडलर पकड़े भी जा चुके हैं. पुलिस की बढ़ती दबिश के कारण ड्रग पैडलर अब नशे की सामग्री बेचने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे कोर्ड वर्ड बोलनेवाले को ही नशे की पुड़िया देते हैं. ड्रग पैडलर ब्राउन शुगर की पुड़िया के लिए ‘जींस’, ‘माल’, ‘चावल की बोरी’ जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, पैडलर को ‘पंटर’, माल उपलब्ध करानेवाले को ‘डीलर’ और माल का सप्लाई करनेवाले को ‘सप्लायर’ कहते हैं. पंटर को डीलर, सप्लायर से माल लाकर दे देता है. अधिकतर मामलों पैडलरों को सप्लायर की जानकारी नहीं होती है.
कोड वर्ड ‘जींस’ के सहारे पुलिस ने पकड़ा था ड्रग डीलर को
‘जींस’ कोड वर्ड के आधार पर डोरंडा के एक ब्राउन शुगर डीलर को पुलिस ने पकड़ा था. पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वह पैडलरों को ‘जींस’ कोड वर्ड बोलने पर ब्राउन शुगर की पुड़िया देता था. 10 पुड़िया को ‘10 जींस खरीदना है’ बोलने पर ब्राउन शुगर दिया जाता था. ‘एक जींस’ बोलते ही वह कह देता कि एक जींस नहीं बेचता. कोड वर्ड का पता चलने पर पुलिस ने एक व्यक्ति को ‘जींस’ लेने के लिए भेजा था. उस व्यक्ति को पहले हिनू और बाद में हिनू पुल के पास बुलाया गया. लेकिन दोनों जगहों पर उसे ब्राउन शुगर नहीं दिया गया. अंत में उसे एजी मोड़ के समीप एक जींस की दुकान में बुलाया गया. उस दुकान में आठ-दस जींस रखे हुए थे. उस व्यक्ति काे बाहर रुकने के लिए बोला गया. थोड़ी देर में एक व्यक्ति बाहर आया और उसे 10 पुड़िया ब्राउन शुगर दिया. बाद में पुलिस ने ब्राउन शुगर के उस डीलर को पकड़ कर जेल भेज दिया था.
‘माल’ और ‘चावल की बोरी’ के नाम से मोबाइल में सेव करते हैं नंबर
पैडलर ‘माल’ व ‘चावल की बोरी’ के नाम से अपने मोबाइल में डीलर का नंबर सेव रखते हैं. यह जानकारी पुलिस को एक ड्रग पैडलर के घरवालों ने ही दी है. वह ब्राउन शुगर पीने के साथ बेचता भी है. एक बार उसके घरवालों ने ही उसका मोबाइल चुरा कर छिपा दिया. जब उसमें नंबर चेक किया गया, तो उसमें ‘माल’ व ‘चावल की बोरी’ के नाम से चार-पांच नंबर सेव मिले. उस नंबर पर कॉल करने के बाद ब्राउन शुगर डीलरों का नंबर मिला, जिसके आधार पर पुलिस ने ब्राउन शुगर डीलरों को पकड़ा. पुलिस ने ‘माल’ के कोड वर्ड के आधार पर एक फल विक्रेता को डीलर से ब्राउन शुगर खरीदने के लिए भेजा था. पहले उसे हरमू, बाद में किशोरी यादव चौक, उसके बाद कचहरी चौक और अंत में चर्च कॉम्प्लेक्स में बुलाया. लेकिन किसी तरह भनक लग गयी और ड्रग पैडलर भाग निकला.
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