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अफीम को प्रोसेस कर चतरा और हजारीबाग में बनाया जा रहा है ब्राउन शुगर

झारखंड से पहले अफीम की तस्करी होती थी. अब अफीम के साथ ही ब्राउन शुगर की भी तस्करी होने लगी है. खूंटी, रांची से अफीम की खरीदारी कर तस्कर दोपहिया और चार पहिया वाहन से अफीम हजारीबाग व चतरा लाते हैं. जहां अफीम को प्रोसेस कर ब्राउन शुगर व अन्य मादक पदार्थ तैयार किया जाता है.

प्रणव(रांची). झारखंड से पहले अफीम की तस्करी होती थी. अब अफीम के साथ ही ब्राउन शुगर की भी तस्करी होने लगी है. खूंटी, रांची से अफीम की खरीदारी कर तस्कर दोपहिया और चार पहिया वाहन से अफीम हजारीबाग व चतरा लाते हैं. जहां अफीम को प्रोसेस कर ब्राउन शुगर व अन्य मादक पदार्थ तैयार किया जाता है. फिर उसे चतरा-इटखोरी-चौपारण, चतरा-हंटरगंज-डोभी, हजारीबाग-बरही-चौपारण होते हुए जीटी रोड स्थित डोभी के रास्ते सड़क मार्ग से और कोडरमा, गया रेलवे स्टेशन के रास्ते रेलमार्ग से ब्राउन शुगर बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व पंजाब आदि राज्यों में भेजा जाता है. झारखंड में मुख्य रूप से रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर, सरायकेला, चतरा जिलों में ड्रग पैडलरों को बिक्री के लिए ब्राउन शुगर उपलब्ध कराया जाता है. इन जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी करनेवाले व्यक्तियों द्वारा अंतरराज्यीय ड्रग्स माफियाओं से संपर्क कर सासाराम व अन्य जगहों से भी ब्राउन शुगर की खेप मंगवायी जाती है. फिर इन्हीं ड्रग पैडलरों के सहयोग से रांची, हजारीबाग और चतरा जिलों में बड़े पैमाने पर अफीम, ब्राउन शुगर व अन्य मादक पदार्थों की बिक्री की जाती है. झारखंड में रांची, खूंटी, हजारीबाग, सरायकेला, चाईबासा, लातेहार, पलामू और चतरा में अफीम की खेती होती है. उक्त जिलों में मादक पदार्थ की तस्करी की शुरुआत अफीम की खेती करनेवाले लोगों के सहयोग से स्थानीय व अंतरराज्यीय गिरोह द्वारा अलग-अलग तरीकों से अंजाम दिया जाता है. मादक पदार्थ की तस्करी में सरगना सीधे संलिप्त नहीं होकर कुरियर के तौर पर गरीब और जरूरतमंद लोगों का इस्तेमाल करते हैं. पुलिस की खुफिया रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है.

ये हैं ब्राउन शुगर के अवैध धंधेबाज :

पंकज कुमार सिंह (रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के चूना भट्ठा, गोपाल मैदान रोड नंबर-तीन निवासी) : पुलिस के अनुसार पंकज ब्राउन शुगर की खरीद-बिक्री में संलिप्त रहता है. पूर्व में वह एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. वर्तमान में यह जमानत पर जेल से बाहर है. वह गोपी व अन्य सहयोगियों की मदद से रांची, चतरा, हजारीबाग, सासाराम से बस व ट्रेन के माध्यम से ब्राउन शुगर मंगवाकर रांची के विभिन्न थाना क्षेत्रों में सप्लाई करता है.

जाहिद उर्फ सोनू उर्फ काली (रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र के रहमत काॅलोनी का निवासी) :

ब्राउन शुगर के धंधे में संलिप्त है. उसे एनडीपीएस एक्ट में नामकुम थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वर्तमान में वह जमानत पर बाहर है. वह जमशेदपुर के शबीर अली और सद्दाम व अन्य सहयोगियों के जरिए ब्राउन शुगर मंगाकर रांची में सप्लाई करता है

राजू दांगी (चतरा जिले के इटखोरी का निवासी) :

यह अफीम के साथ ब्राउन शुगर की खरीद-बिक्री करता है. साथ ही अफीम को प्रोसेस कर ब्राउन शुगर का निर्माण करता है. पूर्व में इसे एनडीपीएस एक्ट में इटखोरी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. अभी वह जमानत पर जेल से बाहर है.

मुजिबुर रहमान उर्फ मोजु मियां : (चतरा जिले के सदर थाना अंतर्गत आजाद नगर का निवासी) :

यह भी अफीम को प्रोसेस कर बड़े पैमाने पर ब्राउन शुगर बनाता है. इसे पूर्व में इटखोरी पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में जेल भेजा था. अभी जमानत पर जेल से बाहर है.

सद्दाम (हजारीबाग जिले के पेलावल थाना अंतर्गत रोमी का निवासी) :

यह ब्राउन शुगर के धंधे में संलिप्त है. पूर्व में इसे एनडीपीएस एक्ट में पेलावल ओपी ने गिरफ्तार किया था. वर्तमान में यह जेल से बाहर है. यह हजारीबाग क्षेत्र में ब्राउन शुगर की सप्लाइ करता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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