रांची में सुखदेवनगर थाना के पीछे ही खुलेआम बिकता है ब्राउन शुगर, थाने का प्राइवेट ड्राइवर नशे के सौदागरों से करता है वसूली
झारखंड की राजधानी रांची के सुखदेवनगर थाना के पीछे ही ब्राउन शुगर खुलेआम बिकता है. थाने का प्राइवेट ड्राइवर नशे के सौदागरों से वसूली करता है. ब्राउन शुगर को ये खैनी की चुनौटी में रखते हैं. किसी को शक भी नहीं होता.
रांची: सुखदेवनगर थाना के ठीक पीछे ही खुलेआम ब्राउन शुगर बिकता है, लेकिन थाने के पुलिसकर्मियों को या तो पता नहीं चलता है या पता है, तो वे अनजान बने रहते हैं. ‘प्रभात खबर’ की टीम ने जब तहकीकात की, तो पता चला कि थाना परिसर के ठीक पीछे अतुल, सोनू व शशि नामक युवक खुलेआम ब्राउन शुगर बेचते हैं. एक धंधेबाज ने बताया कि उन्हें कोई खतरा नहीं है. प्रतिदिन रांची के सुखदेवनगर थाना का एक प्राइवेट ड्राइवर आता है और वसूली करके चला जाता है. उनके साथ अन्य पुलिसकर्मी भी रहते हैं. ये कहते भी हैं कि सिस्टम में रह कर कारोबार करो, कोई खतरा नहीं है.
पॉकेट में रखते हैं ब्राउन शुगर
ये लोग मिलन चौक खादगढ़ा के आसपास खड़े रहते हैं. ये लोग इतने गोपनीय तरीके से पॉकेट में ब्राउन शुगर रखते हैं कि किसी को पता नहीं चलता. ब्राउन शुगर को खैनी की चुनौटी में रखा जाता है. कोई देखता भी है, तो लगता है जैसे आपस में खैनी शेयर कर रहे हों. थाने से 100 मीटर दूर तैलिक धर्मशाला रोड में भी मोंबा व अनिल नामक युवक ब्राउन शुगर बेचते हैं. यानी देखा जाये, तो थाना परिसर के चारों तरफ स्थित खादगढ़ा रोड में कोई न कोई ब्राउन शुगर बेचते दिख ही जाता है. एक धंधेबाज ने बताया कि जमशेदपुर से एक स्टोन की लागत 65 रुपये की आती है, जिसे 500 रुपये में बेचा जाता है. एक खैनी की चुनौटी में ऐसे 20 से 25 स्टोन रखे जाते हैं. चुनौटी में कोई पकड़ नहीं पाता है कि खैनी है या ब्राउन शुगर.
न्यू मधुकम रोड नंबर-5 है धंधे का हब
सुखदेवनगर थाना से करीब 500 मीटर की दूरी पर स्थित है न्यू मधुकम रोड नंबर-5. आजकल यह सड़क ब्राउन शुगर, गांजा से लेकर विभिन्न प्रकार के नशे के कारोबारियों का अड्डा बनी हुई है. इस सड़क में सबसे अधिक ब्राउन शुगर की बिक्री होती है. स्थानीय लोग व एक ब्राउन शुगर कारोबारी ने बताया कि देवी मंडप के समीप धीरज साव उर्फ मुर्गा, रंजन मेहता, राजकुमार सिंह, अनिल, दिरू महतो चोरी-छिपे ब्राउन शुगर बेचते हैं. इन सबका सप्लायर माडी है, जिसे लोग मोदी के नाम से भी बुलाते हैं. वह भी आये दिन इस सड़क पर आकर कई युवकों को धंधे में संलिप्त होने के लिए प्रेरित करता है.
बेचनेवाले खुद नहीं करते हैं सेवन
कारोबारी ने बताया कि उसे अच्छी तरह पता है कि ब्राउन शुगर की लत से क्या होता है. इसलिए वह खुद इसका सेवन नहीं करता है. हां, अच्छी कमाई है, इसलिए यह धंधा करता है. पुलिस पकड़ भी लेती है, तो गिरोह के अन्य लोग बेल आदि कराने में सहयोग करते हैं.