रांची : झारखंड के बीआरपी-सीआरपी स्थायी होंगे. इसके लिए नियमावली बनायी जायेगी. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. राज्य में लगभग तीन हजार बीआरपी-सीआरपी 15 साल से कार्यरत हैं. इनकी नियुक्ति सर्वशिक्षा अभियान के तहत की गयी है. बीआरपी-सीआरपी काफी दिनों से स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं.
इनकी सेवा शर्त नियमावली के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जायेगी. कमेटी अन्य राज्यों में बीआरपी-सीआरपी को मिल रही सुविधाओं का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेगी. इसके आधार पर नियमावली बनायी जायेगी. बैठक में शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा, झारखंड शिक्षा परियोजना की निदेशक किरण कुमारी पासी, बीआरपी-सीआरपी महासंघ के अध्यक्ष पंकज शुक्ला, विनय हलधर, अमर खत्री व अशोक पाल मौजूद थे.
बीआरपी-सीआरपी 60 वर्ष तक नौकरी कर सकेंगे. नियमावली में इसका प्रावधान किया जायेगा. राज्य में फिलहाल बीआरपी-सीआरपी कितने वर्षों तक नौकरी करेंगे, इसका कोई प्रावधान नहीं है. बीआरपी-सीआरपी काफी दिनों से इसकी मांग कर रहे थे.
वर्तमान में बीआरपी-सीआरपी के बढ़े हुए मानदेय का भुगतान अब राज्य सरकार करेगी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में बीआरपी-सीआरपी के मानदेय में 25 फीसदी की वृद्धि की गयी थी. केंद्र सरकार द्वारा बढ़ा हुआ मानदेय नहीं दिया जा रहा था. अब तक झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा बढ़े हुए मानदेय का भुगतान किया जा रहा था. शिक्षा परियोजना राशि देने में असमर्थता जता रही थी. इसे देखते हुए अब राज्य सरकार द्वारा बढ़े हुए मानदेय का भुगतान किया जायेगा.
बीआरपी-सीआरपी के मानदेय में भी बढ़ोत्तरी की जायेगी. कमेटी इसकी भी अनुशंसा करेगी. कमेटी की अनुशंसा के अनुरूप मानदेय में वृद्धि होगी. कमेटी में वित्त, विधि व कार्मिक विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
Posted By: Sameer Oraon