BSF DG Nitin Agrawal on Bangladeshi Infiltration|केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की झारखंड यात्रा से ठीक पहले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक ने बांग्लादेशी घुसपैठ पर बड़ा बयान दिया है. राज्य सरकारों की ओर से बार-बार बांग्लादेशियों की घुसपैठ के लिए केंद्र सरकार और बीएसएफ को दोषी करार दिया जाता है. ऐसे में बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल का यह बयान बहुत अहम है. नितिन अग्रवाल ने झारखंड की राजधानी रांची से 90 किलोमीटर दूर स्थित हजारीबाग में यह बयान दिया है. उन्होंने बीएसएफ का बचाव करते हुए कहा है कि सीमा सुरक्षा बल के जवान बांग्लादेशी घुसपैठियों की घुसपैठ रोकने की हरसंभव कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि भारत से बांग्लादेश की सीमा करीब 4,000 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी है. इनमें से 30 फीसदी 1200 किलोमीटर ऐसे इलाके हैं, जो नदी किनारे हैं. नदी किनारे फेंसिंग करना संभव नहीं है. बीएसएफ के डीजी ने कहा है कि अगर वर्तमान स्थिति की बैत करें, तो घुसपैठ अब बहुत बड़ा मुद्दा नहीं रह गया है. उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में दलालों को गिरफ्तार किया गया है. उन एजेंट्स को भी पकड़ा गया है, जो बांग्लादेशियों को घुसपैठ में मदद करते हैं. नितिन अग्रवाल ने यह भी बताया कि हाल में कुछ ऐसे घुसपैठियों को भी पकड़ा गया है, जिनके पास भारत के नकली आधार कार्ड मिले हैं.
बीएसएफ ने सीमा पर बनाई इलेक्ट्रॉनिक दीवार
बीएसएफ के डीजी ने कहा कि जहां सीमा की घेराबंदी करना संभव नहीं है, वहां इलेक्ट्रिक उपकरणों के जरिए घेराबंदी की गई है. यह एक तरह की इलेक्ट्रॉनिक दीवार है. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर फेंसिंग का काम नहीं हो पा रहा है, क्योंकि वहां जमीन अधिग्रहण का मामला लटका हुआ है. बीएसएफ के स्थापना दिवस पर हजारीबाग में बीएसएफ के डीजी ने कहा कि इस बार हजारीबाग में स्थापना दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है. यह अच्छी बात है. अब तक जो कार्यक्रम सिर्फ राजधानी दिल्ली में होते थे, वे अब देश के अन्य हिस्सों में भी आयोजित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने अच्छी तैयारी की है.
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झारखंड में मन रहा बीएसएफ का स्थापना दिवस
नितिन अग्रवाल ने कहा कि झारखंड में ऐसे कार्यक्रमों से अच्छा संदेश जडाता है. अब यहां के लोग भी बीएसएफ के युद्ध कौशल के बारे में जान सकेंगे. इससे युवा बीएसएफ की ओर आकर्षित होंगे. इसमें अपना करियर बनाने के बारे में सोचेंगे. सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन बरामद होने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हमने कुछ उपकरणों का इस्तेमाल करना शुरू किया है. इसलिए हम ड्रोन को मार गिराने में सफल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही हमें पता चलता है कि कोई ड्रोन हमारी सीमा में घुसा है, हमारे जवान उस पर फायरिंग शुरू कर देते हैं. ड्रोन का पता लगाने के लिए हम जानवरों की भी मदद ले रहे हैं.
ड्रोन की निगरानी के लिए जानवरों को ट्रेनिंग
बीएसएफ डीजी ने कहा कि जानवरों को इस तरह से ट्रेनिंग दी जा रही है कि ड्रोन के अपनी सीमा में आने का उन्हें आभास हो जाएगा. हालांकि, अभी यह एक्सपेरिमेंट के लेवल पर ही है. इस संबंध में जल्द ही विस्तृत विवरण साझा किया जाएगा. अगर हमारा यह प्रयोग सफल रहा, तो हमारी सीमा आने वाले दिनों में और सुरक्षित हो जाएगी. अगर कोई ड्रोन हमारी सीमा में आएगा, तो उसकी समय पर हमें जानकारी मिल जाएगी और हमारे जवान उसे मार गिराएंगे.