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बूढ़ा पहाड़ में नहीं सुनाई देगी गोलियों की गूंज, CM हेमंत ने दी 100 करोड़ की सौगात, मिलेगी ये सुविधाएं

हेमंत सोरेन ने कहा कि पहली बार मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस के मुखिया जैसे ऊंचे पदों पर बैठे लोग बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचे हैं. सभी का संकल्प क्षेत्र का बदलाव करने का है. अभी बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में 100 करोड़ की योजनाएं लायी गयी हैं.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज के लोग ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे भगवान बिरसा व नीलांबर-पीतांबर जैसे शहीदों की आत्मा को तकलीफ हो. सरकारी योजनाएं गांवों में लोगों के घरों तक पहुंचायी जा रही हैं. लोग बंदूक की जगह इन योजनाओं का लाभ उठायें. मुख्यमंत्री ने गढ़वा जिले में बूढ़ा पहाड़ पर 100 करोड़ की लागत से बूढ़ा पहाड़ विकास परियोजना (बीपीडीपी) का शिलान्यास करते हुए उक्त बातें कही.

उन्होंने कहा कि पहली बार मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस के मुखिया जैसे ऊंचे पदों पर बैठे लोग बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचे हैं. सभी का संकल्प क्षेत्र का बदलाव करने का है. अभी बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में 100 करोड़ की योजनाएं लायी गयी हैं. जरूरत पड़ी तो 500 करोड़ भी लगाये जायेंगे. श्री सोरेन ने कहा कि मैं बहुत पहले से ही बूढ़ा पहाड़ आना चाहता था. मुझे पता था कि मैं आज नहीं तो कल इस जगह पर जरूर आउंगा. पहाड़, नदी, नाले, जंगल, गांव मेरे के लिए कुछ नया नहीं है. गांव के लोगों को उनकी मन की भावना, जंगल और गांव की भाषा अच्छे तरीके से समझ पाता हूं. उनकी सोच के अनुरूप मैं सहयोग में खड़ा होता हूं. उन्होंने कहा कि अभी यहां मैं हेलीकॉप्टर से आया हूं. जल्द ही सड़क मार्ग से आउंगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई आदिवासी समुदाय विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गये थे. लेकिन, अब बदलाव होगा. आदिवासी समाज आगे बढ़ेगा. उनका जल, जंगल और जमीन बचेगा. खेती-बाड़ी और मान-सम्मान भी बचेगा. नये साल की नयी शुरुआत में अब बूढ़ा पहाड़ को जवान पहाड़ बनाने का काम किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड व छत्तीसगढ़ से जुड़ा बूढ़ा पहाड़ कभी घनघोर उग्रवादियों के कब्जे में था.

खूबसूरत वादियों को माओवादियों ने भयावह व डरावना क्षेत्र बना कर रखा था. लंबे संघर्ष और कार्य योजना का परिणाम है कि आज यहां मुख्यमंत्री, सरकारी महकमा के पदाधिकारी और ग्रामीण सभी एकत्र हैं. राज्य सरकार ने क्षेत्र के विकास को लक्ष्य बना कर सुनियोजित तरीके से काम किया.

उसी का नतीजा है कि बूढ़ा पहाड़ पर खुशनुमा माहौल की नींव रखी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी के एवज में मुआवजा मिलना बंद होने से झारखंड को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है. प्रभावित जिलों व क्षेत्रों के लिए भारत सरकार अलग से फंडिंग करे, तो विकास की गति तेज होगी. कार्यक्रम में पीएचइडी मंत्री मिथिलेश ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, डीजीपी नीरज सिन्हा समेत अन्य पदाधिकारी व बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.

22 गांवों का होगा विकास :

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उक्त योजना के अंतर्गत गढ़वा की टेहरी पंचायत व लातेहार की अक्सी पंचायत के 11-11गांवों का संपूर्ण विकास किया जायेगा. बीपीडीपी के तहत बुनियादी आवश्यकताएं जैसे- आवास, राशन, पेंशन, स्वास्थ्य, शिक्षा व शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के साथ ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जायेगा.

सभी 22 गांवों में सड़क, पुल-पुलिया, विद्यालय, भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र, सिंचाई की सुविधा व खेल के मैदान समेत अन्य आधारभूत संरचनाएं विकसित की जायेंगी. मुख्यमंत्री ने बीपीडीपी के प्रथम चरण में 5.27 करोड़ रुपये की लागत से 175 विकास योजनाओं का शिलान्यास व परिसंपत्ति का वितरण किया. गांवों में सौर विद्युत आपूर्ति योजना का भी शिलान्यास किया गया.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बूढ़ा पहाड़ के आसपास रहने वाले ग्रामीणों के साथ जमीन पर बैठ कर भोजन किया और उनकी समस्याएं सुनीं. भोजन करने के बाद उन्होंने बच्चों को टॉफियां बांटी. इसके पूर्व मुख्यमंत्री शुक्रवार की दोपहर हेलीकॉप्टर से बड़गड़ की टेहरी पंचायत अंतर्गत बूढ़ा पहाड़ पर बनाये गये सुरक्षा बलों के कैंप पहुंचे थे. इस दौरान जवानों ने उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

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