Budget 2021 News in hindi, Hemant Soren Reaction on Budget 2021, रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अाम बजट को निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि इस बजट से झारखंड को सिर्फ निराशा हाथ लगी है. बजट उन्हीं राज्यों पर फोकस है, जहां चुनाव होने वाले हैं. सीएम ने कहा कि बजट में मनरेगा के लिए कुछ भी नहीं है. गरीब और मध्यम आय वर्ग के परिवारों की क्रय शक्ति बढ़ाने को लेकर भी कुछ नहीं है. उल्टा पेट्रोल और डीजल पर एग्रीकल्चर सेस लगाया जा रहा है.
यह बजट सिर्फ निजीकरण पर केंद्रित है. केंद्र सरकार देश की सारी संपत्ति बेचने पर तूली है. बैंक से लेकर बंदरगाह तक बिक रहे हैं. एयरपोर्ट व रेलवे भी बिक रहा है. रोजगार के अवसर बढ़ाने को लेकर इस बजट में कुछ नहीं है. वहीं बीमार व बंद अौद्योगिक इकाइयों के लिए भी कुछ नहीं किया गया है. यह बजट बंगाल चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है. ऐसे बजट से भाड़े की ट्रेन आपको मिलेगी. भाड़े का रेलवे स्टेशन मिलेगा.
ऐसे में आत्मनिर्भर भारत बनेगा कि आत्मबेचो भारत मिलेगा. जिस तरीके से विगत वर्षों में देश चला है और अभी कोरोना काल में उद्योग बंद हुए, उसमें अर्थव्यवस्था कैसे खड़ी होगी. आनेवाले समय में देख रहे हैं कि देश के कोषागार में पैसों के हिसाब-किताब में ऐतिहासिक गिरावट हो रही और जीडीपी बढ़ रहा है. जब उद्योग-धंधे चल ही नहीं रहे, तो जीडीपी कैसे आगे बढ़ रही है. यह तो देश के बड़े अर्थशास्त्री ही बता सकते हैं. वहीं ऐसी परिस्थिति में शेयर की उछाल रेगिस्तान में पानी के जहाज चलने जैसा है. अब नौकरी पेशा वालों की भी खैर नहीं है. अब डिविडेंड में भी शायद सरकार हिस्सेदारी लेने की तैयारी कर रही है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त व खाद्य आपूर्ति मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पेश आम बजट को पूरी तरह से निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि यह महंगाई बढ़ाने और सिर्फ पूंजीपतियों को ध्यान में रख कर बनाया गया बजट है. आम बजट में झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों की पूरी तरह से अनदेखी की गयी.
न रेल की योजना मिली ना खनिजों की राॅयल्टी में भी बढ़ोत्तरी की जायेगी. भाजपा नेता सिर्फ सात वर्षाें से किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रहे है, लेकिन उनके कल्याण और ऋण माफी की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है. डॉ उरांव ने कहा कि असम, पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में होनेवाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन राज्यों के बजट में राशि का प्रावधान किया गया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि बजट में आम जनता के लिए कुछ भी प्रावधान नहीं किया गया है. यह गरीब जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाने और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बजट है. बजट में निम्न व मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए कुछ खास प्रावधान नहीं किया गया है. प्रवक्ता आलोक दूबे, डॉ राजेश गुप्ता ने कहा कि यह निराशाजनक बजट है. बजट में उपभोक्ता को कोई राहत नहीं मिली है. आयकर में छूट की सीमा नहीं बढ़ायी गयी है.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि बजट बिलकुल जनविरोधी हैं. बजट में मध्यमवर्गीय परिवार के सपनों और विश्वास को रौंदा गया है. कोरोना के वैश्विक संकट के बाद उम्मीद थी कि टैक्स स्लैब में राहत मिलेगी जिससे मध्यमवर्गीय परिवार को थोड़ी राहत मिलती लेकिन जनविरोधी नीतियों के लिए प्रसिद्ध मोदी सरकार ने मुंह फेर लिया है.मैं देश नही बिकने दूंगा के नारों के साथ आई मोदी सरकार अब खुलेआम भारत की संपदाओं और सरकारी कंपनियों को अपने कॉरपोरेट घरानों के मित्रों को बेचने का लाइसेंस दे रही हैं और देश को बेचने की तैयारी कर रही हैं.
Posted By : Sameer Oraon