मौजूदा बजट से झारखंड को कितना और कैसे पहुंचेगा फायदा? अर्थशास्त्री डॉ हरिश्वर दयाल ने दी जानकारी

झारखंड को इससे सीधा फायदा होगा, क्योंकि झारखंड में इस ग्रुप में नौ जाति आते हैं. केंद्रीय बजट को हम दो कारणों से अच्छा बता सकते हैं. इसमें हर वर्ग को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 2, 2023 10:21 AM

अर्थशास्त्री डॉ हरिश्वर दयाल ने कहा िक इस वर्ष का केंद्रीय बजट हर वर्ग के आधार पर संतुलित है. खास कर राज्य को मदद करनेवाला बजट है. इस बजट में झारखंड में टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा. इससे राज्य का शेयर भी बढ़ेगा. झारखंड के लिए एक और राहत वाली बात है कि केंद्र ने 50 वर्ष के लिए इंट्रेस्ट फ्री लोन की अवधि एक बार फिर बढ़ा दी है. इससे राज्य के विकास को एक बार फिर गति मिलेगी. इतना ही नहीं बजट में पीवीटीजी के विकास के लिए केंद्र ने 17 हजार करोड़ रुपये का तीन वर्ष के लिए प्रावधान किया है.

झारखंड को इससे सीधा फायदा होगा, क्योंकि झारखंड में इस ग्रुप में नौ जाति आते हैं. केंद्रीय बजट को हम दो कारणों से अच्छा बता सकते हैं. इसमें हर वर्ग को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है. इसे हम चुनाव पूर्व संतुलित बजट भी कह सकते हैं. आम लोगों से लेकर उद्यमियों, किसानों, नौकरीपेशा, सेवानिवृत्त लोगों, कृषि व अन्य क्षेत्र में स्टार्टअप , को-ऑपरेटिव आदि से जुड़े लोगों को फायदा होनेवाला है.

टैक्स में छूट, लीव इनकैशमेंट राहत देनेवाली है. दूसरे कारण से इसे हम अच्छा इस रूप में कह सकते हैं कि इस बजट से कोरोना काल के बाद जिस तरह से इकोनॉमी रिकवर हो रहा था, इसमें और गति आयेगी. जहां विकास दर 8.7 प्रतिशत था, अब यह सात प्रतिशत रहने की उम्मीद है. जिस तरह से इसमें आधारभूत संरचना को दुरूस्त करने का प्रावधान किया गया है. इससे वित्तीय वर्ष 2023-24 में 6 से 6.8 प्रतिशत के बीच विकास दर रहने की उम्मीद है. केंद्र के पास रिसोर्स सेंटर अधिक रहने से इसका फायदा राज्य को भी होगा. पूंजीगत व्यय 10 लाख करोड़ है. इससे जीडीपी 3.3 है. इससे विकास को और गति मिलेगी.

मध्यम वर्ग को कई मायने में राहत मिल सकती है. महिलाओं के लिए विशेष बचत योजना शुरू की गयी है. जन धन योजना के बाद यह महिलाओं को और आत्मनिर्भर बना सकता है. किसानों और पशुपालकों के लिए इस बजट में फायदा पहुंचाने की कोशिश की गयी है. आर्गेनिक खेती से लेकर मोटा अनाज को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है. कोरोना काल में जिस प्रकार से डिजिटल कार्य को सफलता मिली है. इसे अब अन्य क्षेत्रों में लागू करने की योजना तैयार की गयी है.

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