बजट : बेरोजगारों को भत्ता, किसानों का कर्ज माफ
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 86,370 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. 8,243.04 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटेवाले इस बजट में सरकार ने अपनी चुनावी घोषणाओं को पूरा करने की कोशिश की है. बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और सोशल सेक्टर पर फोकस किया गया है. ग्रामीण विकास सहित अन्य क्षेत्रों में कई नयी योजनाओं की घोषणा की गयी है.
रांची : वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 86,370 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. 8,243.04 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटेवाले इस बजट में सरकार ने अपनी चुनावी घोषणाओं को पूरा करने की कोशिश की है. बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और सोशल सेक्टर पर फोकस किया गया है. ग्रामीण विकास सहित अन्य क्षेत्रों में कई नयी योजनाओं की घोषणा की गयी है. पुरानी योजनाएं जैसे कृषि आशीर्वाद योजना, किसानों को मोबाइल योजना आदि के मद में बजटीय प्रावधान नहीं किया गया है. इससे अगले वित्तीय वर्ष में यह योजनाएं बंद हो जायेंगी. वहीं, महिलाओं के लिए एक रुपये में निबंधन सहित कुछ अन्य योजनाओं के बंद करने या चालू रखने के संबंध में नीतिगत निर्णय अब तक नहीं लिया गया है.
वित्त मंत्री द्वारा पेश अगले वित्तीय वर्ष के बजट में स्थापना व्यय (राजस्व खर्च) के लिए 37445.06 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो कुल बजट का 44 प्रतिशत है. अगले वित्तीय वर्ष में विकास योजनाओं के लिए कुल 48924.94 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो बजट का 56 प्रतिशत है.
विकास योजनाओं के लिए निर्धारित इस राशि में 34485.71 करोड़ राज्य योजना मद से और 14439.22 करोड़ रुपये केंद्रीय योजना मद से निर्धारित हैं. 2020-21 के बजट में विकास योजनाओं के लिए निर्धारित राशि चालू वित्तीय वर्ष के मुकाबले 3358.69 करोड़ कम है.
इसका कारण अनुमानित खर्च और वास्तविक खर्च में संतुलन बनाये रखना है. हेमंत सरकार ने श्वेतपत्र में पिछली सरकार की विकास योजनाओं के लिए निर्धारित राशि और खर्च के असंतुलित होने की बात कही थी. अगले वित्तीय वर्ष के दौरान जरूरी खर्चों के लिए सरकार ने अपने स्रोतों से कर राजस्व के रूप में 47649.41 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान किया है.
गैर कर राजस्व से 27659.34 करोड़ रुपये और पूंजीगत प्राप्तियों के रूप में 11061.25 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद जतायी है. सरकार पर पहले से चले आ रहे कर्ज के सूद भुगतान के लिए बजट में 5645.53 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. सरकारी कर्मचारियों के वेतनभत्ता के लिए 15542.33 करोड़ रुपये और पेंशन के लिए 7060.19 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
पीएम आवास के लाभुकों को 50 हजार अतिरिक्त : ग्रामीण विकास के क्षेत्र में राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को अतिरिक्त 50,000 रुपये देने की घोषणा की है. ताकि, वह अपने तरीके से घर बना सके. मनरेगा मजदूरों को कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने का फैसला किया है. इसमें 18 से 45 साल के वैसे मनरेगा मजदूरों को शामिल किया जायेगा, जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का काम पूरा किया होगा.
शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी रहा फोकस : शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति देने की घोषणा की है. योजना में एक से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को शामिल किया जायेगा. बजट में उच्च एवं जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने के लिए प्रावधान किया गया है.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में बीपीएल के अलावा राज्य के एपीएल परिवारों को भी ‘आयुष्मान भारत योजना’ के अनुरूप लाभ देने का निर्णय लिया गया है. हालांकि, इस योजना का लाभ केंद्र और राज्य सरकार के नियमित कर्मचारियों को नहीं मिलेगा. एपीएल परिवारों को शामिल करने से राज्य की कुल आबादी के 92 प्रतिशत लोग इस योजना का लाभ ले सकेंगे. वहीं, सरकार ने गंभीर रोगों जैसे किडनी, लिवर की बीमारी या कैंसर पीड़ित रोगियों के इलाज का पूरा खर्च उठाने का फैसला किया है.
इस योजना का लाभ वैसे लोगों को मिलेगा, जिनकी सालाना आमदनी आठ लाख रुपये तक हो. सरकार ने आदिवासी बहुल क्षेत्रों में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने और इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉक्टरों को अतिरिक्त राशि देने का फैसला किया है. इसके तहत आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पदस्थापित विशेषज्ञ डॉक्टरों को 40,000 रुपये प्रतिमाह और दूसरे चिकित्सकों को 25,000 रुपये का आर्थिक लाभ मिलेगा.
जारी रहेगी बीपीएल परिवारों की ‘तीर्थ यात्रा’ योजना : सरकार ने बीपीएल परिवारों के वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक स्थलों की नि:शुल्क यात्रा कराने की पहले से चली आ रही योजना को अगले साल भी जारी रखने का फैसला किया है. साथ ही कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा पर जानेवाले लोगों को भी एक-एक लाख रुपये की सब्सिडी देने की प्रक्रिया जारी रखने का निर्णय लिया है. सब्सिडी का लाभ वैसे तीर्थयात्रियों को मिलेगा, जिनकी सालाना आमदनी आठ लाख रुपये तक हो. इस योजना में 100 स्थानीय नागरिकों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर शामिल किया जायेगा.
संताल परगना पर सरकार का फोकस : एसटी, एससी एवं अल्पसंख्यक विकास के मद्देनजर सरकार ने 13 नये एकलव्य विद्यालय शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. साथ ही अंग्रेजों से लड़ कर शहीद होनेवाले जनजातीय समुदाय के वीरों के गांवों का सर्वांगीण विकास करने का फैसला किया. सरकार ने संताल परगना के आदिम जनजातियों को गरीबी के दायरे से बाहर निकालने की भी योजना तैयार की है. इसके तहत पहले चरण में पांच हजार आदिम जनजाति परिवारों को इसमें शामिल करने का लक्ष्य रखा है.
मुख्यमंत्री दाल-भात योजना की जगह अब मुख्यमंत्री कैंटीन योजना : बजट में मुख्यमंत्री दाल भात योजना का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों में भी करने के लिए प्रावधान किया गया है. इसे मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के नाम से जाना जायेगा. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आनेवाले गरीब परिवारों को लुंगी, धोती और साड़ी सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए राशि कर्णांकित की गयी है.
शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास सहित अन्य क्षेत्रों में शुरू की गयीं नयी योजनाएं, कुछ पुरानी योजनाओं का नाम बदला
कृषि आशीर्वाद और किसानों को मोबाइल आदि के लिए बजटीय प्रावधान नहीं, अगले वित्तीय वर्ष में बंद होंगी ये योजनाएं
महिलाओं के लिए एक रुपये में निबंधन सहित कुछ अन्य योजनाओं पर अब तक नहीं लिया गया है कोई नीतिगत निर्णय
आयुष्मान भारत योजना में राज्य के एपीएल परिवारों को भी जोड़ा जायेगा, राज्य की 92 प्रतिशत आबादी को मिलेगा लाभ
37445.06 करोड़ रुपये
का प्रावधान किया गया स्थापना व्यय के लिए, जो कुल बजट का 44 प्रतिशत है
48924.94 करोड़ रुपये
का प्रावधान किया गया विकास योजनाओं के लिए, जो बजट का 56 प्रतिशत है
3358.69 करोड़ रुपये
कम राशि निर्धारित की गयी विकास योजनाओं के लिए चालू वित्तीय वर्ष के मुकाबले
5645.53 करोड़ रुपये
का प्रावधान किया है सरकार पर पहले से चले आ रहे कर्ज के सूद भुगतान के लिए
15542.33 करोड़ रुपये
सरकारी कर्मचारियों के वेतन और 7060.19 करोड़ रुपये पेंशन के लिए तय किया