Budget Expectations: निर्मला सीतारमण ने मानी झारखंड चैंबर की सलाह, तो भारत में लागू होगा अमेरिका जैसा कानून
Budget Expectations: झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स की सलाह अगर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मान ली, तो भारत में अमेरिका जैसी सुविधा टैक्सपेयर कपल्स को मिलेगी.
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Budget Expectations Income Tax: केंद्रीय बजट से पहले फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (FJCCI) ने देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अमेरिका के इनकम टैक्स कानून में लागू एक प्रावधान को भारत में लागू करने की मांग की है. चैंबर के अध्यक्ष परेश गट्टानी और उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा से जब प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) ने पूछा कि आम बजट से झारखंड चैंबर की क्या उम्मीदें हैं, तो दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्रालय को उन्होंने कुछ सुझाव दिये हैं. इसमें अधिकतर सुझाव इनकम टैक्स कानून से जुड़े हैं. कुछ पेचीदा कानूनों में संशोधन करने के सुझाव दिये हैं, तो कुछ नयी व्यवस्था लागू करने का सुझाव भी दिया है. दंपती के लिए संयुक्त इनकम टैक्स भरने का प्रावधान करने की सलाह भी झारखंड चैंबर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को दी है.
झारखंड चैंबर ने टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाने की सलाह दी
झारखंड चैंबर ने कहा है कि भारत में पति-पत्नी को संयुक्त रूप से टैक्स का भुगतान करने का विकल्प दिया जाना चाहिए. चैंबर ने केंद्रीय वित्त मंत्री को जो अपने सुझाव भेजे हैं, उसमें कहा है कि बढ़ी हुई बुनियादी छूट सीमा और तर्कसंगत टैक्स स्लैब, अधिभार (सेस) स्लैब और आय की संयुक्त रिटर्न दाखिल करने के प्रावधान के साथ विवाहित जोड़ों के लिए संयुक्त कराधान प्रणाली के लिए विकल्प की शुरुआत होनी चाहिए. चैंबर ने कहा है कि वर्तमान में, आयकर अधिनियम, 1961 के तहत, अन्य बातों के अलावा, व्यक्तियों के लिए अलग-अलग टैक्स स्लैब हैं. जैसे-जैसे आय बढ़ती है, टैक्स की दरें उसी के अनुरूप बढ़ती जाती हैं. धारा 115बीएसी, अन्य बातों के साथ-साथ, किसी व्यक्ति के लिए डिफॉल्ट टैक्स की एक व्यवस्था है.
पति-पत्नी को मिले टैक्स का विकल्प चुनने की छूट
चैंबर ने अपने सुझाव में कहा है कि विवाहित जोड़ों के लिए एक ऐसी व्यवस्था शुरू की जाए, जिसमें वे इनकम का संयुक्त रिटर्न दाखिल कर सकें. व्यक्तियों को संयुक्त कराधान योजना के तहत टैक्स का भुगतान करने का विकल्प दिया जा सकता है. कहा है कि वे कराधान की वर्तमान योजना के तहत व्यक्तिगत रूप से टैक्स का भुगतान करना चुन सकते हैं या स्वयं और पति/पत्नी के संयुक्त कराधान का विकल्प चुन सकते हैं.
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छूट सीमा दोगुना करने से परिवार की आर्थिक स्थिति होगी सुदृढ़
चैंबर ने कहा है कि संयुक्त कराधान योजना के तहत, व्यक्तिगत करदाताओं के लिए उपलब्ध छूट सीमा को दोगुना करके उपलब्ध सीमा को बढ़ाया जा सकता है. साथ ही, टैक्स स्लैब को आनुपातिक रूप से बढ़ाया जा सकता है. संयुक्त कराधान योजना के तहत छूट सीमा को दोगुना करने से ऐसे परिवारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी. ऐसी योजना अमेरिका जैसे विकासशील देशों में पहले से ही लागू है.
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