वीर बुधु भगत शहादत दिवस: कांसा लोटा में लाया गया वीर पानी, स्कूलों-कॉलेजों में जीवनगाथा पढ़ाए जाने की मांग
बुधु भगत के वंशज शिवपूजन भगत ने कहा कि वीर बुधु भगत भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्होंने अंग्रेजों, जमीदारों, सूदखोरों एवं अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी. सरकार से मांग की गयी कि वीर बुधु भगत की जीवनगाथा को स्कूलों-कॉलेजों में पढ़ाया जाए.
रांची : वीर बुधु भगत के शहादत दिवस के अवसर पर सोमवार को वीर बुधु भगत की जन्मस्थली सिलगाईं से वीर बुधु भगत के वंशजों के द्वारा कांसा लोटा में वीर पानी लाया गया. इसे रांची में हुही मोर्चा द्वारा ढोल नगाड़ा के साथ स्वागत कर वीर बुधु भगत चौक अरगोड़ा लाया गया. इसके बाद अरगोड़ा के शिबू पहान के द्वारा पारंपरिक रीति रिवाज से पूजा-पाठ किया गया. बुधु भगत के वंशज शिवपूजन भगत ने कहा कि वीर बुधु भगत भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्होंने अंग्रेजों, जमीदारों, सूदखोरों एवं अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी. इस दौरान सरकार से मांग की गयी कि वीर बुधु भगत की जीवनगाथा को स्कूलों-कॉलेजों में पढ़ाया जाए.
अरगोड़ा चौक पर लगे वीर बुधु भगत की आदमकद प्रतिमा
कार्यक्रम में मुख्य रूप से केंद्रीय सरना समिति,अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के लोग एवं मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की शामिल हुईं. बुधु भगत के वंशज शिवपूजन भगत ने कहा कि वीर बुधु भगत भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्होंने अंग्रेजों, जमीदारों, सूदखोरों एवं अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी. सरकार से मांग की गयी कि वीर बुधु भगत की जीवनगाथा को स्कूलों-कॉलेजों में पढ़ाया जाए. अरगोड़ा चौक पर वीर बुधु भगत की आदमकद प्रतिमा लगायी जाए.
ये थे उपस्थित
वीर बुधु भगत के शहादत दिवस के अवसर पर गोपाल भगत, डॉ परमेश्वर भगत, विमल कच्छप, बाना मुण्डा, डॉ मंजू मिंज, संजय तिर्की, नीरा टोप्पो, डॉ रामकिशोर भगत, भौआ उरांव, अल्फेरेड मिंज, रंजित उरांव, महादेव उरांव, सुनील उरांव, रामधनी भगत, चुमनु उरांव, एतवा उरांव, सुनिल उरांव एवं अन्य शामिल थे.
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