Jharkhand News: रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव का बज गया बिगुल, 27 फरवरी को वोटिंग और दो मार्च को है काउंटिंग
रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए 27 फरवरी को वोट डाले जाएंगे, वहीं आगामी दो मार्च, 2023 को काउंटिंग होगी. बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार उपचुनाव के तारीख की घोषणा की. बता दें कि कांग्रेस की पूर्व विधायक ममता देवी की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है.
Jharkhand News: भारत निर्वाचन आयोग ने बुधवार (18 जनवरी, 2023) को झारखंड के रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव के तारीख की घोषणा की. इसके तहत 27 फरवरी, 2023 को वोटिंग की तारीख निर्धारित की है, वहीं आगामी दो मार्च, 2023 को काउंटिंग है. इसको लेकर 31 जनवरी, 2023 को गजट नोटिफिकेशन जारी होगा. वहीं, नामांकन की अंतिम तारीख सात फरवरी, 2023 को है. बता दें कि रामगढ़ के गोला आईपीएल गोलीकांड में कांग्रेस विधायक समेत 13 आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा हुई थी. इस सजा के तहत तत्कालीन विधायक ममता देवी की विधानसभा की सदस्यता रद्द होने के साथ यह सीट खाली हो गयी थी. इधर, उपचुनाव की घोषणा के साथ ही तत्काल प्रभाव से आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है.
ये है शेड्यूल
गजट नोटिफिकेशन की तारीख : 31 जनवरी, 2023 (मंगलवार)
नामांकन की अंतिम तारीख : 07 फरवरी, 2023 (मंगलवार)
नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी : 08 फरवरी, 2023 (बुधवार)
नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख : 10 फरवरी, 2023 (शुक्रवार)
वोटिंग की तारीख : 27 फरवरी, 2023 (सोमवार)
मतगणना की तारीख : 02 मार्च, 2023 (गुरुवार).
ईवीएम से होगी वोटिंग
भारत निर्वाचन आयोग ने रामगढ़ उपचुनाव को लेकर सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम (EVM) और वीवीपीएटी (VVPAT) से का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. इसके लिए पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट उपलब्ध कराए गए हैं. बताया गया कि इन मशीनों की मदद से मतदान सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं.
क्यों हो रहा उपचुनाव
रामगढ़ के गोला प्रखंड स्थित आईपीएल फैक्टरी में जमीन अधिग्रहण और मजदूरों की समस्याओं को लेकर गत 29 अगस्त, 2016 को जोरदार आंदोलन हुआ था. आंदोलन उग्र होने पर गोलीबारी हुई थी जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गयी थी, जबकि आठ लोग घायल हुए थे. इस मामले में 50 नामजद और 400 अज्ञात को आरोपी बनाया गया था. हजारीबाग व्यवहार न्यायालय के एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान न्यायाधीश कुमार पवन की अदालत ने कांग्रेस की तत्कालीन विधायक ममता देवी समेत 13 आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. पांच साल की सजा होने पर विधानसभा ने ममता देवी की सदस्यता रद्द कर दी थी. सदस्यता रद्द होने के बाद से यह सीट खाली था.