रांची: केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव एनएन सिन्हा ने शनिवार को यहां ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के साथ योजनाओं की समीक्षा की. इस क्रम में उन्होंने 2016 से 2021 के बीच स्वीकृत आवास योजनाओं का हाल लिया. उन्हें बताया गया कि 982354 आवास पूरे हो गये हैं. शेष 216429 आवासों का काम पूरा करना है. ऐसे में सचिव ने इन आवासों को हर हाल में जनवरी तक पूरा करने का निर्देश दिया.
केंद्रीय सचिव ने समीक्षा के दौरान गढ़वा, देवघर, चतरा, पलामू, रांची, लातेहार, गुमला और दुमका की प्रगति को लेकर असंतोष जताया. उन्होंने इन जिलों के उपायुक्तों को विशेष योजना तैयार कर जल्द से जल्द आवासों को पूर्ण कराने को कहा. यह पाया गया कि 2021-22 में आवास प्लस के तहत 403504 आवासों का लक्ष्य मिला है. इसके विरुद्ध भारत सरकार ने 372523आवास आवंटित कर दिया है.
सचिव ने कहा कि केंद्र शीघ्र शेष 30981 आवास भी आवंटित कर देगा. आवास प्लस के स्वीकृत आवासों को 100 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. समीक्षा में पाया गया कि गढ़वा, पलामू, गोड्डा, पाकुड़, लातेहार, चतरा, जामताड़ा और साहिबगंज द्वारा लक्ष्य के विरुद्ध कम आवासों की स्वीकृति दी गयी है. केंद्रीय सचिव ने कहा कि यह अच्छी स्थिति नहीं है. उन्होंने शत-प्रतिशत लक्ष्य के तहत स्वीकृति देने को कहा.
केंद्रीय सचिव श्री सिन्हा को बताया गया कि इंदिरा आवास योजना के तहत अब मात्र 5283 आवासों को ही पूरा किया जाना है. 12139 आवासों को पूरा किया जाना संभव नहीं है. ऐसे में उन मामलों में सचिव ने राशि वसूलने का निर्देश दिया. सचिव ने मनरेगा, रुर्बन मिशन, एनआरएलएम, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की भी समीक्षा की.
बैठक में राज्य के ग्रामीण विकास सचिव मनीष रंजन, मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी, जेएसएलपीएस सीइओ नैंसी सहाय, राम कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे. जबकि सभी डीसी व डीडीसी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से जुड़े हुए थे.
अस्थायी पलायन करने वालों को नहीं मिलेगा घर: केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव एनएन सिन्हा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी उपायुक्तों और ग्रामीण विकास अधिकारियों को पिछले एक वर्ष से अस्थायी पलायन करने वाले लाभुकों का नाम सूची से हटाने का निर्देश दिया. कहा कि पलामू, पाकुड़ व गढ़वा के माइनिंग क्षेत्र में बसे लाभुकों को प्राथमिकता के साथ अन्यत्र भूमि उपलब्ध करा आवास की स्वीकृति प्रदान की जाये. श्री सिन्हा ने मनरेगा, पीएमजीएसवाइ, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन योजना की भी समीक्षा की.
Posted by: Pritish Sahay