बुन्डू प्रखण्ड की रहने वाली एक महिला जिसका नाम श्रीमति अंजली मुखर्जी है वह लगभग 5 महीने पहले सेवा सदन के महिला चिकित्सा विभाग में आई थी जिसकी कोख में तीन बच्चे थे और लगभग 5 महीने की गर्भवती महिला थी.
सेवासदन में कार्यरत महिला चिकित्सक श्रीमति अंजू कुमार ने महिला के परीक्षण के बाद उन्हें और उनके पति को आश्वस्त किया कि उन्हें तीन बच्चों को जन्म देने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
तत्पश्चात 21 मार्च 2020 को महिला का सफलतापूर्वक अॉपरेशन के द्वारा तीनों बच्चों को जन्म दिया गया जिसमें दो लड़के और 1 लड़की बच्ची था. ऑपरेशन में सेवा सदन में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील रुंगटा और कार्यरत डॉ. आर.एन. शर्मा ने अहम भूमिका निभाई. तीनों नवजात का वजन लगभग 1.5kg किलो था. तीनों नवजात की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें शिशु
रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण नारसरिया की देखरेख में सेवा सदन के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया.
तीनों शिशु प्रीमेच्योर होने की वजह से काफी कमजोर थे. प्रीमेच्योर होने के कारण तीनों शिशुओं को जन्म के बाद सांस लेने में दिक्कत हुई और दूध नहीं पचने की समस्या भी उत्पन्न हुई और साथ ही साथ संक्रमण से लड़ने की क्षमता भी नहीं के बराबर थी. तीनों शिशु इलाज के दौरान गंभीर रूप से बीमार थे और तीनों की बचने की काफी कम उम्मीद थी. परन्तु सेवा सदन की मेडिकल टीम की मेहनत के फलस्वरूप तीनों शिशु 3 सप्ताह के बाद स्वस्थ हो गए.
यहां यह बताना आवश्यक है कि नागरमल मोदी सेवा सदन के NICU में चिकित्सा का खर्च झारखण्ड के किसी भी अस्पताल की तुलना में काफी कम है और इसका श्रेय
सेवा सदन के प्रबंधन को जाता है.
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की गंभीर बीमारी के मद्देनजर सम्पूर्ण Lockdown की स्थिति में भी सदन के चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ तथा प्रबंधन के सहयोग से जच्चा तथा बच्चा को सेवा सदन से छुट्टी दी गई.
यह जानकारी सेवा सदन के अध्यक्ष श्री आर.के. सरावगी ने दी.