बसें चल नहीं रहीं, बकाया 90 करोड़ भी नहीं दे रही सरकार, अब रोड टैक्स कर रहा ट्रांसपोर्टर को परेशान
बसें चल नहीं रहीं, बकाया 90 करोड़ भी नहीं दे रही सरकार, अब रोड टैक्स कर रहा ट्रांसपोर्टर को परेशान
रांची : राज्य के करीब 10 हजार बसें चलती हैं. लॉकउाउन के बाद से राज्य में 24 मार्च से बसें नहीं चल रही हैं. इस कारण बसों के संचालक परेशान हैं. उनकी परेशानी की वजह है रोड टैक्स. संचालकों का कहना है कि बिना बस चले, वे परिवहन विभाग को रोड टैक्स कहां से दें. 2019 में हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान प्रशासन ने बसें ली थीं. इस मद में करीब 90 करोड़ रुपये बस संचालकों का राज्य सरकार के पास बकाया है. बार-बार पैसा मांगने के बाद भी उन्हें पैसा नहीं मिल रहा. बस ओनर्स एसोसिएशन झारखंड के अध्यक्ष अरुण बुधिया ने कहा कि जब बसें चल ही नहीं रही हैं, तो रोड टैक्स लेना उचित नहीं है.
विभागीय नियम में भी प्रावधान है. बावजूद इसके सिर्फ रोड टैक्स ही नहीं वसूला जा रहा, बल्कि 25 से 200 प्रतिशत तक फाइन भी लिया जा रहा है. बार-बार आग्रह करने के बाद भी सरकार स्तर पर बस संंचालकों को राहत नहीं दी जा रही है. ऐसे में बस संचालक रोड टैक्स कहां से जमा करेंगे. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान जो बसें ली थीं, उसका बकाया 90 करोड़ रुपये है. वह पैसा भी संचालकों को मिल जाता, तो काफी राहत मिलती. कैसे रोड टैक्स पर लगता है फाइन : अगर रोड टैक्स एक से 15 तारीख तक जमा करनी है, तो कोई फाइन नहीं लगेगा. लेकिन 16 से 30 तारीख तक रोड टैक्स जमा करने पर फाइन 25 फीसदी लगेगा.
30 दिन के बाद और 60 दिन तक फाइन 50 फीसदी और 61वें दिन से 90 दिन तक फाइन 100 फीसदी हो जायेगा. फिर 91वें दिन के बाद फाइन 200 फीसदी हो जायेगा. हर हाल में देना होगा फाइन : वर्तमान में रोड टैक्स ऑनलाइन जमा होता है. अगर किसी बस संचालक ने पुराना टैक्स जमा नहीं किया है, तो वह उस टैक्स को दिये बिना कोई अग्रिम टैक्स जमा नहीं कर सकता है. यानी अगर जनवरी से मार्च तक का टैक्स बकाया है, तो संचालक अप्रैल से जून तक का अग्रिम रोड टैक्स जमा नहीं कर सकता है.
उसे फाइन के साथ ही टोटल रोड टैक्स जमा करना होगा. पहले टैक्स ऑनलाइन जमा नहीं होता था, तब संचालक पिछला टैक्स छोड़ कर अग्रिम टैक्स जमा कर देते थे. अब इएमआइ की समयसीमा इस माह हो जायेगी खत्म : जिन बस संचालकों ने बैंक से फाइनांस करा कर वाहन खरीदे हैं, उन्हें मार्च से अगस्त तक इएमआइ जमा करने से केंद्र सरकार के स्तर पर छूट दी गयी थी. संचालक उक्त अवधि का इएमआइ बाद में जमा कर सकते हैं. अब इस माह इएमआइ अवधि भी समाप्त हो जायेगी.
ऐसे में रोड टैक्स के बाद अब बस संचालकों पर इएमआइ जमा करने का भी तनाव होगा. कोट : चुनाव के दौरान का 90 करोड़ देने और रोड टैक्स माफ करने को लेकर कई बार राज्य सरकार से आग्रह किया गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में अब हमलोग कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं.-
अरुण बुधिया, बस ऑनर्स एसोसिएशन, झारखंडबस संचालकों से बकाया के संबंध में कई बार संबंधित दस्तावेज देने को कहा गया है, ताकि उनके बकायावाले जिला प्रशासन से इस संबंध में बात की जा सके, लेकिन बस संचालकों द्वारा ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया है. रोड टैक्स के मामले में भी विभागीय स्तर पर कार्यवाही की जा रही है. -के रवि कुमार, सचिव, परिवहन विभाग, झारखंड \\B
Post by : Pritish Sahay