Loading election data...

Jharkhand News: ED ऑफिस पहुंचे व्यवसायी विष्णु अग्रवाल, सेना की जमीन की खरीद बिक्री मामले में हुई पूछताछ

सेना की जमीन की खरीद बिक्री के मामले में बिल्डर सह व्यवसायी विष्णु अग्रवाल बुधवार को दिन के करीब 11 बजे हिनू स्थित इ़डी कार्यालय पहुंचे. इसके बाद इडी के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ शुरू की

By Prabhat Khabar News Desk | November 10, 2022 6:39 AM

सेना की जमीन की खरीद बिक्री के मामले में बिल्डर सह व्यवसायी विष्णु अग्रवाल बुधवार को दिन के करीब 11 बजे हिनू स्थित इ़डी कार्यालय पहुंचे. इसके बाद इडी के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ शुरू की, जो देर शाम तक हुई. इडी ने पूछताछ के पहले दिन विष्णु अग्रवाल से उनके व्यापारिक गतिविधियों की जानकारी मांगी. साथ ही परिवार के सदस्यों के नाम अर्जित संपत्ति की जानकारी ली.

उल्लेखनीय है कि चार नवंबर को इडी ने अवैध तरीके से सेना की जमीन खरीद बिक्री में व्यवसायी विष्णु अग्रवाल, कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल सहित अन्य के कुल 12 ठिकानों पर छापा मारा था. छापामारी के दौरान इडी को सेना की जमीन खरीद ब्रिकी से संबंधित दस्तावेज मिले थे.

इसमें वह दस्तावेज भी मिले जिसमें सेना की एक जमीन कई हाथों से गलत तरीके से गुजरते हुए प्रेम प्रकाश के माध्यम से विष्णु अग्रवाल को हस्तांतरित की गयी थी. प्रेम प्रकाश फिलहाल जेल में है. छापामारी के दौरान प्रेम प्रकाश के ठिकानों से दो एके-47 मिलने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था.

मनी लाउंड्रिंग मामले में राजीव को मिली जमानत

कोलकाता में 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार अधिवक्ता राजीव कुमार को मनी लॉउंड्रिंग मामले में झारखंड हाइकोर्ट से जमानत मिल गयी है. जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने उनकी ओर से दायर जमानत याचिका को लंबी सुनवाई के बाद स्वीकार कर लिया. साथ ही राजीव कुमार को जमानत दे दी. अदालत ने सुनवाई के दाैरान प्रार्थी व प्रवर्तन निदेशालय (इडी) का पक्ष सुनने के बाद माैखिक रूप से कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि मामले में प्रार्थी को फंसाया गया है.

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता निलेश कुमार ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि साजिश के तहत उन्हें 50 लाख रुपये के साथ कोलकाता में फंसाया गया. इस साजिश में कोलकाता पुलिस के वरीय अधिकारी भी शामिल हैं. इस बात को इडी ने भी कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी के समय कहा था. उन पर केस मैनेज करने के नाम पर राशि वसूलने का झूठा आरोप लगाया गया है. अधिवक्ता निलेश ने अदालत से जमानत देने का आग्रह किया. वहीं दूसरी ओर एएसजीआइ की ओर से अनिल कुमार ने पक्ष रखा. उन्होंने जमानत का विरोध किया. उन्होंने कहा कि प्रार्थी के खिलाफ पैसा लेने का गंभीर आरोप है. इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए.

Next Article

Exit mobile version