Amitabh Choudhary Story: फ्लैट बेच कर अमिताभ चौधरी ने बच्चों की शिक्षा के नाम कर दिये थे 40 लाख रुपये

अमिताभ चौधरी अब हमारे बीच नहीं हैं. लोग उनकी जीवनी और कृतित्व को याद कर रहे हैं. अमिताभ चौधरी को लोग एक कुशल प्रशासक के रूप में जानते हैं, लेकिन हम आपको बता रहे हैं उनके जीवन से जुड़ा वह पहलू, जिससे शायद अब तक आप अनजान होंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | August 17, 2022 1:48 PM

Jharkhand: अमिताभ चौधरी अब हमारे बीच नहीं हैं. लोग उनकी जीवनी और कृतित्व को याद कर रहे हैं. अमिताभ चौधरी को लोग एक कुशल प्रशासक के रूप में जानते हैं, लेकिन हम आपको बता रहे हैं उनके जीवन से जुड़ा वह पहलू, जिससे शायद अब तक आप अनजान होंगे.

प्रतिज्ञा संस्था को की थी 40 लाख रुपये की मदद

अमिताभ चौधरी ने बच्चों की शिक्षा और उनके उत्थान के लिए 2021 में हटिया स्टेशन रोड स्थित प्रतिज्ञा संस्थान को दान स्वरूप 40 लाख रुपये दिये थे. यह राशि उन्हें अपने न्यू पाटलिपुत्र स्थित फ्लैट को बेचने के बाद मिली थी. उस राशि से वर्तमान में 23 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इस पैसे को फिक्सड कर उससे मिलनेवाली ब्याज की राशि से उनके मां-पिता (आशा-सुरेंद्र) के नाम पर स्कॉलरशिप योजना के तहत बच्चों को शिक्षा मिल पा रही है.

जेपीएससी अध्यक्ष बनते ही नियुक्ति प्रक्रिया में लायी तेजी

अमिताभ चौधरी ने पांच जुलाई 2020 को जेपीएससी में बतौर अध्यक्ष योगदान दिया. इनके योगदान देते ही राज्य में नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आयी. इन्होंने सातवीं, आठवीं, नौवीं व 10वीं सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया पूरी करते हुए रिजल्ट निकालने में सिर्फ 252 दिन का समय लेकर रिकॉर्ड बनाया. राज्य के विवि में 2008 से रुकी असिस्टेंट प्रोफेसर की नियमित/बैकलॉग रिक्तियों को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया व शिक्षकों की प्रोन्नति देने का कार्य चल रहा है. अपने कार्यकाल में विभिन्न विभागों में असिस्टेंट इंजीनियर के 637 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करायी. अध्यक्ष रहते हुए इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू करायी. राज्य के मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर, अस्पतालों में डॉक्टरों की नियुक्ति, डेंटिस्ट की नियुक्ति, रिनपास में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति, वेटनरी/एग्रीकल्चर कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करायी. पांच जुलाई 2022 को उनका कार्यकाल पूरा हो गया.

लोगों ने दी श्रद्धांजलि

उनके निधन से स्तब्ध हूं. वह बच्चों को शिक्षा के साथ खेल से भी जोड़ना चाहते थे. उन्हें अक्सर संस्था द्वारा किये जा रहे शिक्षा कार्यों की रिपोर्ट भेजा करता था. वह बच्चों से फोन पर भी बात करते थे. उनके सहयोग से ही बच्चों ने स्टेडियम से मैच भी देखा. उनके योगदान को कभी भूल नहीं पायेंगे. वह बच्चों के मेंटर थे.

अजय कुमार, सचिव, प्रतिज्ञा संस्था

सुरेंद्र आशा स्कॉलरशिप के अंतर्गत इस वर्ष 10वीं की परीक्षा 80 प्रतिशत मार्क्स के साथ पास किया. मेरे घर की आर्थिक स्थिति दयनीय है. सर ने जो मदद की थी, उससे पढ़ाई हो पा रही है. सर से मिलने की तमन्ना थी, लेकिन कभी मौका नहीं मिल पाया. उनके सहयोग को हमेशा याद रखेंगे.

धनजी कुमार, छात्र

सर से प्रेरित होकर पुलिस सर्विस में जाना चाहती हूं. घर के कामकाज के साथ पढ़ाई करते हुए दसवीं की परीक्षा में 66 प्रतिशत अंक लाये. सर के हाथों पिछले साल स्पांसरशिप मिलने और उनकी बातों से हिम्मत आयी. उन्होंने हम जैसे कई विद्यार्थियों के जीवन में रोशनी लाने का काम किया है. उनसे मिलकर अपने सपने के बारे में बताने की बड़ी इच्छा थी.

निशु, छात्रा

Next Article

Exit mobile version