Jharkhand News: सीए अनीस अग्रवाल 77 करोड़ की मनी लाउंड्रिंग में शामिल, ED की जांच में हुआ खुलासा

चार्टर्ड अकाउंटेंट अनीस अग्रवाल 77 करोड़ रुपये के मनी लाउंड्रिंग में शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की जांच के दौरान इस सीए द्वारा मनी लाउंड्रिंग में मदद करने के बदले में नकद राशि लेने की पुष्टि हुई.

By Sameer Oraon | October 26, 2022 9:20 AM

चार्टर्ड अकाउंटेंट अनीस अग्रवाल 77 करोड़ रुपये के मनी लाउंड्रिंग में शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की जांच के दौरान इस सीए द्वारा मनी लाउंड्रिंग में मदद करने के बदले में नकद राशि लेने की पुष्टि हुई. मनी लाउंड्रिंग में शामिल जगदंबा एसोसिएट नामक कंपनी का नियंत्रण उसके पास है. जांच के दौरान अनीस अग्रवाल ने भी मनी लाउंड्रिंग में शामिल बाहुबली बिल्ड प्रालि का ऑडिट अपने मार्गदर्शन में कराने की बात स्वीकार की थी.

इडी ने जांच में पाया था कि सरावगी बंधुओं ने बैंक से विभिन्न कंपनियों के नाम पर कुल 83.5 करोड़ का कर्ज लिया. ज्ञानप्रकाश सरावगी, अमित सरावगी व अन्य ने बैंक से कर्ज लेने के लिए अपने कर्मचारियों के नाम पर शेल कंपनियां बनायीं. इन कंपनियों के माध्यम से कपड़ा व अन्य सामग्री के व्यापार के नाम पर बैंक से कर्ज लिया. इसके बाद कर्ज की शर्तों का उल्लंघन करते हुए बैंक से मिले कर्ज में से 77.36 करोड़ रुपये की लाउंड्रिंग कर उसे सरावगी बिल्डर एंड प्रोमोटर्स के खाते में पहुंचाया.

सरावगी बंधुओं की यह कंपनी रियल स्टेट के व्यापार में शामिल थी. जांच में पाया गया कि मनी लाउंड्रिंग में शामिल कंपनियों में से मेसर्स बाहुबली बिल्ड प्रालि का नियंत्रण ज्ञानप्रकाश सरावगी के पास था. इसे एक इंवेस्टमेंट कंपनी बनाया गया था. सीए अमित अग्रवाल के मार्ग दर्शन में बाहुबली नामक कंपनी का ऑडिट हुआ करता था. सरावगी बंधुओं से जुड़ी कंपनियों के वर्ष 2015 की बैलेंस शीट में 47.9 करोड़ रुपये सरप्लस दिखाया गया था. इसका स्रोत कंपनी के शेयर प्रीमियम को बताया गया था. वास्तव में 47.9 करोड़ रुपये के इस सरप्लस में 42.2 करोड़ रुपये सरावगी बंधुओं की कागजी कंपनियों को बैंक से मिली कर्ज की राशि थी.

कई कंपनियों को मनी लाउंड्रिंग में शामिल किया :

सीए ने कई कंपनियों को मनी लाउंड्रिंग में शामिल किया. इसमें मेसर्स सनबीन डीलर्स प्रालि और मेसर्स बद्री केदार उद्योग प्रालि आदि का नाम शामिल है. जांच के दौरान इस बात की भी जानकारी मिली कि मेसर्स जगदंबा एसोसिएट नामक कंपनी के अकाउंट पर सीए का नियंत्रण था. उसके नियंत्रणवाली इस कंपनी से बैंक से मिले कर्ज में से 6.96 करोड़ रुपये का मनी लाउंड्रिंग हुआ था.

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