झारखंड : मीट-चिकन दुकानों की जांच के लिए अभियान चलायें, कार्रवाई करें, हाइकोर्ट ने दिया निर्देश
प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि रांची शहर सहित राज्य में मीट विक्रेता बाहर खुले में कटे हुए बकरा व चिकन की बिक्री के लिए उसका प्रदर्शन करते हैं.
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी सहित पूरे राज्य में दुकानों में खुलेआम कटे हुए बकरे व मुर्गे की बिक्री के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार व रांची नगर निगम को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने अंतरिम आदेश पारित कर राज्य के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों व स्थानीय नगर निकायों को निर्देश दिया कि दो सप्ताह के अंदर मीट-चिकन की दुकानों की जांच के लिए अभियान चलाया जाये. बिना लाइसेंस की दुकान चलानेवालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाये. अवैध रूप से जानवरों के काटे जाने तथा सड़क के किनारे दुकानों में जानवर के शवों के प्रदर्शन पर रोक लगाने का निर्देश दिया. साथ ही खंडपीठ ने राज्य सरकार व रांची नगर निगम से पूछा कि मांस की दुकानों में जानवरों के शवों को काले शीशे के अंदर व पर्दे से ढंके जाने को लेकर जो रेगुलेशन है, उसे लागू करने के लिए क्या कार्रवाई की गयी है. विस्तृत जवाब दायर करने का निर्देश दिया.
अगली सुनवाई तीन अप्रैल
मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने तीन अप्रैल की तिथि निर्धारित की.इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शुभम कटारुका ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता योगेश मोदी ने पक्ष रखा. वहीं रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी श्यामानंद पांडेय ने जनहित याचिका दायर की है. प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि रांची शहर सहित राज्य में मीट विक्रेता बाहर खुले में कटे हुए बकरा व चिकन की बिक्री के लिए उसका प्रदर्शन करते हैं. यह एफआइसीसीआइ के रूल एंड रेगुलेशन के खिलाफ है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के विपरीत भी है.