झारखंड : रांची के वाईबीएन यूनिवर्सिटी में फार्मेसी की परीक्षा दे रहे एक परीक्षार्थी चोरी करते पकड़ाया
रांची के वाईबीएन यूनिवर्सिटी में फार्मेसी की परीक्षा दे रहे एक एमबीबीएस डॉक्टर चोरी करते पकड़ाया है. मोबाइल से प्रश्नपत्र का फोटो खींचकर एक वाट्सग्रुप में भेजने के मामले में उसे हिरासत में लेकर पुलिस को सौंप दिया. बताया गया कि आरोपी के पिता का राजधानी में एक प्रसिद्ध नर्सिंग होम है.
नामकुम (रांची), राजेश वर्मा : राजधानी रांची के राजाउलातू स्थित वाईबीएन यूनिवर्सिटी में चल रहे डिप्लोमा इन फार्मेसी के फार्मास्युटिकल की परीक्षा में मोबाइल से चोरी करते हुए सौरभ कुमार को पर्यवेक्षक ने हिरासत में लेकर पुलिस को सौंप दिया है. सौरभ राजधानी के एक प्रसिद्ध नर्सिंग होम के मालिक एमबीबीएस डॉक्टर का एमबीबीएस बेटा है. इससे पहले भी दूसरे की जगह परीक्षा दे रहा एक अन्य मुन्ना भाई पकड़ाया था.
मोबाइल से प्रश्नपत्र का लिया था फोटो
जानकारी के अनुसार, यूनिवर्सिटी में सोमवार को डिप्लोमा इन फार्मेसी के प्रथम वर्ष (2020-22) के फार्मास्युटिकल विषय की परीक्षा सुबह नौ से दोपहर 12 बजे तक थी. परीक्षा में सौरभ मोबाइल लेकर बैठा था. मौका मिलते ही उसने प्रश्नपत्र का दो बार फोटो लेते दिखा. सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई जिसके बाद कंट्रोल रूम के स्टाफ ने इसकी जानकारी पर्यवेक्षक को दी .
एक्जाम 21 वाट्सअप ग्रुप में भेजा प्रश्नपत्र
पर्यवेक्षक ने सौरभ की तलाशी ली, तो उसके पास से आईफोन बरामद किया गया. जिसकी जांच करने पर पता चला कि सौरभ ने एग्जाम 21 नामक वाट्सअप ग्रुप में प्रश्नपत्र सेंड किया था, जिसकी एडमिन डोली है. ग्रुप द्वारा प्रश्नपत्र का उत्तर शीट वायरल कर दिया गया. मोबाइल को जब्त करते हुए सौरभ को हिरासत में ले लिया गया. मामले में केंद्राधीक्षक चंद्रजीत कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई है.
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तीन दिन पहले एमबीबीएस लड़की से हुई थी सगाई
परीक्षा देने गये सौरभ के साथ उसकी होने वाली पत्नी एवं अन्य परिजन भी परीक्षा केंद्र पहुंचे थे, जो केंद्र के बाहर थे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तीन दिन पहले उसकी सगाई हुई थी.
पिता के कॉलेज का छात्र है सौरभ
बताया गया कि सौरभ एसपी सिंह कॉलेज ऑफ फार्मेसी का छात्र है. यह कॉलेज उसके पिता का है. पकड़े जाने के बाद परिजन उसे छुड़ाने के लिए एड़ी चोटी एक किये हुए थे. सौरभ को छुड़ाने के लिए अधिकारी, नेता सहित कई बड़े लोगों ने पैरवी की, लेकिन कदाचार मुक्त परीक्षा के तहत पुलिस को सौंप दिया गया.