रांची. लोकसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड दौरे पर पहुंचे हैं. वह तीन चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे. तीन मई को चाईबासा में प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी सभा हुई. चार मई को वह पहले चियांकी (पलामू) और सिसई (गुमला) जायेंगे. प्रधानमंत्री मोदी की चाईबासा की चुनावी सभा में भीड़ उमड़ी. पीएम के इस दौरे से भाजपा को बूस्टर डोज मिला है. नरेंद्र मोदी भाजपा के लिए चुनावी प्राण वायु हैं. चुनाव की फिजा बदलने की ताकत रखते हैं. पिछले दो लोकसभा चुनाव में मोदी का मैजिक चला है. प्रत्याशी से लेकर कार्यकर्ता तक उत्साहित हैं. चाईबासा की सभा का संकेत भी साफ था. चिलचिलाती गरमी में समर्थकों का उत्साह परवान पर था. मोदी अपनी गारंटी लेकर चुनावी सभा में पहुंचे थे, तो चाईबासा के लोगों ने भी खूब जयकारे लगाये. मोदी को अपने भाषण के क्रम में बोलना पड़ा कि मोदी-मोदी बाद में कीजियेगा, पहले मेरी बातें सुन लें. प्रधानमंत्री ने तरीके से कांग्रेस को घेरा. इंडिया गठबंधन के संविधान बदलने के चुनावी नरेटिव का जवाब भी नरेंद्र मोदी ने तरीके से दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ही आदिवासी, दलित, ओबीसी का आरक्षण छीनना चाहती है. कर्नाटक सरकार के एक फैसले का हवाला भी दिया. उन्होंने कहा कि इस नीति को कांग्रेस देशभर में लागू करेगी. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रहे धीरज साहू से जुड़े ठिकानों से मिले 300 करोड़ का भी जिक्र कर कांग्रेस को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा. झारखंड और यहां के आदिवासियों के लिए किये गये उपलब्धियों को भी गिनाया. लगभग 40 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने भीड़ से कनेक्ट करने वाले मुद्दों पर बात की. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जिक्र नहीं किया. झामुमो से कहीं ज्यादा हमला कांग्रेस पर रहा.
चाईबासा से साधे आदिवासी वोटर, खूंटी की जमीन पर भी असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झारखंड में पहली सभा चाईबासा में हुई. चाईबासा पहुंच कर मोदी ने आदिवासी वोटरों को साधने की कोशिश की. आदिवासियों का विश्वास जीतने की कोशिश थी. उन्होंने अपने भाषण में यह भी कहा कि आज भाजपा में सबसे ज्यादा आदिवासी एमपी और एमएलए हैं. चाईबासा में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम पूरी रणनीति के साथ तय किया गया था.चाईबासा में भाजपा ने कांग्रेस की सांसद गीता कोड़ा को अपने पाले में कर चुनावी जंग में उतारा है. यह सीट भाजपा के लिए साख वाली सीट है. इस सीट पर आदिवासी वोट निर्णायक है. इस सभा का असर खूंटी की जमीन पर भी पड़ेगा. मोदी खूंटी को भी दुरुस्त कर गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है