Ranchi News: सेंट्रल इमरजेंसी से रिम्स गेट तक दुकान, ई-रिक्शा ऑटो और एंबुलेंस का कब्जा, जाम बना परेशानी
Ranchi News : रिम्स परिसर में सेंट्रल इमरजेंसी से रिम्स के गेट नंबर एक तक फुटपाथ पर दुकान, ऑटो, इ-रिक्शा और निजी एंबुलेंस का कब्जा लगा रहता है.
रांची. रिम्स परिसर में सेंट्रल इमरजेंसी से रिम्स के गेट नंबर एक तक फुटपाथ पर दुकान, ऑटो, इ-रिक्शा और निजी एंबुलेंस का कब्जा लगा रहता है. ऑटो, ई-रिक्शा और एंबुलेंस का तो स्टैंड ही बन गया है. रिम्स की सेंट्रल इमरजेंसी के 100 मीटर आगे सड़क की दोनों ओर फुटपाथ दुकानदारों का ठेला लगा रहता है, जिस कारण डॉक्टर और परिजनों की कार के साथ राजधानी से आनेवाली एंबुलेंस हमेशा जाम में फंस जाती हैं.
अतिक्रमण से संकीर्ण हो जाती है सड़क
यहां ठेला पर खाना बेचनेवाले सामने बेंच लगाकर खाना खिलाते हैं, जिस कारण वहां अक्सर जाम लगा रहता है. इस क्रम में कई बार मरीजों के परेशान परिजन दवा लेने जाते वक्त वाहनों से टकराने से बच जाते हैं. ठेला के सामने बेंच लगाये जाने और लोगों की भीड़ के साथ दोपहिया वाहन लगे होने से सड़क संकीर्ण हो जाती है. यह स्थिति सुबह नौ बजे से रात 11 बजे तक रहती है.
लग जाता है पूरा बाजार
इस जगह पर खाना, फल, कपड़ा, प्लास्टिक बाल्टी सहित अन्य कॉस्मेटिक के भी सामान आसानी से बिक्री करते मिल जायेंगे. इतना ही नहीं काला घोड़ा लगाकर घोड़ा का नाल बेचनेवाले व सिम आदि की भी दुकानें यहां लगती है. रिम्स परिसर का 100 मीटर का क्षेत्र पूरी तरह बाजार में तब्दील हो चुका है. यहां ई-रिक्शा और ऑटो वाले आड़ा- तिरछा वाहन लगा देते हैं. यदि कोई चार पहिया और दोपहिया वाहन चालक विरोध करता है, तो वह उनसे उलझ जाते हैं. इतना ही नहीं कई बार तो धक्का-मुक्की तक कर लेते हैं.
रिम्स सुरक्षाकर्मी और पुलिस भी उदासीन
रिम्स में होमगार्ड व सैप के सुरक्षाकर्मियों की दिनभर ड्यूटी लगती है, लेकिन वह लोग भी कोई कार्रवाई नहीं करते. बरियातू पुलिस भी आंख बंद किये रहती है. कभी-कभी एक दिन के लिए या दो-चार घंटे के लिए बरियातू पुलिस और रिम्स प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाया जाता है और दुकानें बंद करा दी जाती हैं. इधर दुकानों पर रात में रिम्स के छात्र, डॉक्टर, कर्मी व परिजन चाय पीने के लिए ठेला के सामने वाहन लगाये रहते हैं, जिस कारण रात में भी चार पहिया वाहन लेकर गुजरने में परेशानी होती है.
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