जब कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने कहा था… मैं मोदी से नहीं, प्रधानमंत्री से मिल सकता हूं !

आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो और अन्य चर्च के बिशपों संग बैठक की और कहा कि नरेंद्र मोदी आपकी अगुवाई में ईसाई धर्मगुरुओं बिशपों से मिलना चाहते हैं. मैंने बताया कि मुझे पीएमओ से राजीव टोपनो ने फ़ोन कर आप सबसे बात कर सूचना देने के लिए कहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 5, 2023 9:01 AM

रतन तिर्की

उस वक्त मैं जनजातीय परामर्शदातृ परिषद टीएसी का सदस्य था. मुझे याद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीएस राजीव टोपनो ने मुझे फोन कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीर बिरसा मुंडा हवाई अड्डा में आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो से मिलना चाहते हैं, इसलिए आप उनसे बात कर बताइये. मैंने आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो और अन्य चर्च के बिशपों संग बैठक की और कहा कि नरेंद्र मोदी आपकी अगुवाई में ईसाई धर्मगुरुओं बिशपों से मिलना चाहते हैं. मैंने बताया कि मुझे पीएमओ से राजीव टोपनो ने फ़ोन कर आप सबसे बात कर सूचना देने के लिए कहा है. मैंने कहा कि सूचना भेजनी है, इसलिए आप बिशपों से आग्रह है कि मुझे जल्द बताया जाये, ताकि दिल्ली खबर की जा सके. मैंने प्रस्ताव भर रखा और बिशप हाउस रांची से वापस आ गया. मुझे लगा कि शायद समय की व्यस्तता और तबीयत को ध्यान में रखते हुए निर्णय नहीं लिया जा सकता है.

दूसरे दिन मैं फिर आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो से मिला, तो उन्होंने बड़ी ही सहजता से मुझसे कहा कि: ठीक है, मैं नरेंद्र मोदी से नहीं, देश के प्रधानमंत्री से मिल सकता हूं. मुझे लगा कि सचमुच आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने बहुत सोच समझकर ही निर्णय लिया होगा. तब उन्होंने मुझे बताया कि हम लोग क्या-क्या बात कर सकते हैं. कितना समय और कहां मिलना है. इसके बाद खूंटी जीईएल चर्च के बिशप जे.एम टोपनो(अब स्वर्गीय) और सामाजिक कार्यकर्ता जोय बाखला के साथ बैठकर तैयारी की गयी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर किन-किन महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की जाये. जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रांची आये. वीर बिरसा मुंडा हवाई अड्डा में ही सब लोगों से मिलने की प्रशासनिक व्यवस्था की गयी थी. सबसे मिलने के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो और खूंटी जीइएल चर्च के बिशप जेएम टोपनो से बिरसा मुंडा हवाईअड्डा में भेंट की.

परमवीर अलबर्ट एक्का के गांव के सुंदरीकरण की मांग की थी

तब कार्डिनल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह भी किया था कि परमवीर के गांव को गोद लेकर गांव का सुंदरीकरण विकास किया जाये. यह भी मांग की कि जल्द से जल्द परमवीर अलबर्ट एक्का के समाधि स्थल को भव्य और सुंदर बनाने की पहल की जाये. लेकिन आज़ तक केंद्र और राज्य सरकार ने पहल नहीं की है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था आश्वासन

आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि देश में धर्मांतरण कानून लागू करने से पहले राष्ट्रीय स्तर पर चर्च के साथ बैठक की जानी चाहिए. ईसाई मिशनरियों, उनके चर्च और शिक्षण संस्थानों पर हमले बंद हों. ईसाई मिशनरियों के एफसीआरए एकाउंट पर से बंदिशें हटा ली जायें, ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य और मानव सेवा कार्यों में रुकावट नहीं हो. आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि पोप भारत आना चाहते हैं. उसके लिए समय व तिथि तय की जाये. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि दिल्ली में इसके लिए ईसाई धार्मिक अगुआ से बैठक आयोजित की जाये. प्रधानमंत्री मोदी ने आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो को आश्वस्त किया कि इस संबंध में जल्द ही बातचीत का सिलसिला शुरू किया जायेगा.

कार्डिनल ने सीएम से भी कई बार किया संवाद

आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ भी बैठक कर कई अहम मुद्दों पर बातचीत की थी. राज्य सरकार और धार्मिक संगठनों की राज्य के विकास में भागीदारी तथा शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के लिए बेहतर तालमेल पर भी मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ बैठक हुई थी. इसी क्रम में मांडर में नये विश्वस्तरीय अस्पताल लीवंस कोंस्टंट के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास से आग्रह किया था.

प्रधानमंत्री से कहा : आप हमारे गांव जरूर आयें

आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झारखंडी पढ़िया शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. उन्होंने पीएम से कहा कि परमवीर अल्बर्ट एक्का के गांव चैनपुर गुमला में आपको निमंत्रण देता हूं कि आप हमारे गांव जरूर आयें. मालूम हो कि आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड के निवासी थे. उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया था कि उनकी सरकार के सहयोग से ही 44 साल बाद परमवीर चक्र विजेता अल्बर्ट एक्का का अस्थि अवशेष उनके घर चैनपुर गांव जारी लाया जा सका है.

(लेखक सामाजिक कार्यकर्ता हैं)

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