कॉमन इंजीनियरिंग फैसलिटी सेंटर मामले में पूर्व सीएमडी सहित चार पर केस दर्ज

सीबीआई ने दिल्ली में दर्ज किया केस

By Prabhat Khabar Print | July 2, 2024 11:16 PM

रांची. एचइसी के अधिकारियों द्वारा कॉमन इंजीनियरिंग फैसलिटी सेंटर खोलने में की गयी गड़बड़ी के मामले में सीबीआई ने दिल्ली में केस दर्ज किया है. केस में एचइसी के पूर्व सीएमडी समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई दिल्ली के एंटी करप्शन वन टीम ने आइपीसी की धारा 120-बी आर/डब्ल्यू 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (2) आर/डब्ल्यू 13 (1) (डी) के तहत केस दर्ज किया है. इन पर रशियन कंपनी से मिलकर करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़ा करने का आरोप है. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उसमें एचइसी के पूर्व सीएमडी अभिजीत घोष, पूर्व मुख्य प्रौधोगिकी अधिकारी और शाखा प्रबंधक एचइसी, दिल्ली के नवीन कुमार सिंह और एचइसी के बिजनेस डेवलपमेंट के तत्कालीन प्रमुख अश्विनी कुमार दास शामिल हैं. इसके अलावा अज्ञात लोकसेवकों और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ सीबीआई ने एफआइआर दर्ज की है. मालूम हो कि 29 जून को सीबीआई की टीम ने एचइसी मुख्यालय में जांच की थी और कागजात जब्त किया था. क्या है मामला : 14 नवंबर 2015 को एचइसी द्वारा तकनीकी सहयोग हस्तांतरण के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठित फर्मों, शोध संस्थानों को आकर्षित करने के लिए इंटरेस्ट ऑफ एक्सप्रेशन जारी किया गया था, ताकि अधिकतर उपकरणों का निर्माण एचइसी द्वारा स्वदेशी रूप से किया जा सके. 18 नवंबर को 2015 को तत्कालीन सीमएडी अभिजीत घोष ने सीएनआईटीएमएएसएच की ओर से 43 करोड़ रुपये के बजटीय प्रस्ताव पर 30 करोड़ रुपये के परामर्श शुल्क के साथ कौशल विकास के लिए उत्कृष्टा केंद्र की स्थापना के लिए भारी उद्योग मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा. वहीं अभिजीत घोष, नवीन कुमार सिंह ने रूस का दौरा किया और 24 दिसंबर 2015 को गैर वाणिज्यिक समझौते पर हस्ताक्षर किया. 15 फरवरी 2016 को एचइसी और सीएनआईटीएमएएसएच के बीच प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने और नौ मॉडयूल वाले चार व्यापक क्षेत्रों में प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. पहले यह निफ्ट, हटिया में खोला जाना था लेकिन बाद में इसे एचइसी मुख्यालय के चौथे तल्ले पर खोलने की योजना बनायी गयी. लेकिन आज तक एचइसी में कॉमन इंजीनियरिंग फैसलिटी सेंटर नहीं खोला गया.

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