अमन तिवारी, रांची़ राज्य में पुलिस की कार्रवाई में देरी की वजह से कोर्ट में चल रहे पुराने केस का ट्रायल पूरा नहीं हो पा रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पुलिस द्वारा समय पर अभियुक्त के खिलाफ कोर्ट से जारी गैरजमानती वारंट, इश्तेहार और कुर्की का तामिला नहीं किया जाता है. न ही समय पर तामिला से संबंधित रिपोर्ट अदालत में सौंपी जाती है. जब पुलिस मुख्यालय ने मामला हाइकोर्ट से जुड़ा देख इसे प्राथमिकता में लेकर खेद प्रकट करते हुए सभी जिलों के एसपी से रिपोर्ट की मांग की, तब भी समय पर पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करायी गयी. पुलिस मुख्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार हाइकोर्ट एससीएमएस के मेंबर सेक्रेटरी ने चार अक्तूबर 2024 को मामले में डीजीपी को पत्र लिखा था. इसमें विभिन्न न्यायालयों से लंबित वारंट के बारे में जानकारी दी गयी है. ऐसे वारंट जिनका तामिला पुलिस द्वारा नहीं किया गया है. पत्र में इस बात का भी निर्देश दिया गया था कि लंबित वारंट के निष्पादन की दिशा में त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया जाये. इस पत्र के प्राप्त होने के बाद पुलिस मुख्यालय ने नौ अक्तूबर 2024 को सभी जिलों एसपी को पत्र लिखा था. जिसमें बताया गया था कि दर्ज विभिन्न केस में आपके जिला में रहने वाले वैसे अभियुक्त, जिसके संबंध में संबंधित न्यायालय से गैरजमानती वारंट, इश्तेहार और कुर्की जारी होने के बावजूद उक्त अभियुक्त न तो न्यायालय में उपस्थित हुए और न ही उनके संबंध में निर्गत गैरजमानती वारंट, इश्तेहार और कुर्की के तामिला से संबंधित रिपोर्ट अदालत में सौंपी गयी है. इस कारण मुकदमे लंबे समय से लंबित हैं. यह अत्यंत ही खेदजनक है. पुलिस मुख्यालय द्वारा जिलों के एसपी से न्यायालय में समर्पित रिपोर्ट के बारे में भी जानकारी मांगी गयी थी. लेकिन पुलिस मुख्यालय को यह रिपोर्ट 18 अक्तूबर तक नहीं मिली. इस कारण फिर से पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को 18 अक्तूबर को ही पत्र लिखकर 22 अक्तूबर तक रिपोर्ट भेजने को कहा. लेकिन इस अवधि में भी सभी जिलों से पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट नहीं मिली. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने 23 अक्तूबर को दूसरी बार सभी जिलों के एसपी को रिमाइंडर भेजते हुए 25 अक्तूबर तक रिपोर्ट मांंगी. इसके बाद मामले में कार्रवाई शुरू की गयी है.
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