रांची (प्रमुख संवाददाता). प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के सहायक के यहां से मिले करोड़ों रुपये कैश मिलने पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पूरी सरकार भ्रष्टाचार के दलदल में डूबी हुई है. विपक्षी नेता बार-बार यही राग अलाप रहे हैं कि आदिवासी नेताओं को फंसाया जा रहा है, लेकिन इनकी करतूतों से स्पष्ट है कि पिछले चार साल में इन्होंने आदिवासी समाज के मान-सम्मान को धूमिल किया है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अफसरों के साथ मिल कर यहां की खनिज संपदा को लूटने व लूटवाने का काम किया. इसके पहले भी कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से 350 करोड़ रुपये कैश बरामद हो चुका है. अगर इन दोनों कैश कांड की ठीक से जांच हुई, तो इसके तार कांग्रेस के शहजादे से भी जुड़े हो सकते हैं. सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से श्री मरांडी ने कहा कि पिछले दिनों झारखंड में उलगुलान न्याय महारैली में भ्रष्ट व दागी नेताओं का जमावड़ा लगा था. इनके कारनामे अब उजागर हो रहे हैं. झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तो भुईंहरी जमीन का फर्जी कागजात बना कर लूटने का काम किया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी कहते हैं कि संपत्ति का सर्वे करायेंगे. उन्हें अब यह बताना चाहिए कि आलमगीर आलम के सरकारी आप्त सचिव के सहायक के यहां मिले करोड़ों रुपये किसके हैं. उन्होंने कहा कि अगर सहायक सचिव के यहां से करोड़ों रुपये कैश मिल रहे हैं, तो आप सोच सकते हैं कि दूसरे उच्च पदाधिकारियों के पास कितना पैसा होगा.
कैश के साथ ग्रामीण विकास सचिव को मुख्य सचिव की ओर से भेजा गया पत्र भी मिला
श्री मरांडी ने कहा कि मंत्री आलमगीर आलम के सरकारी आप्त सचिव के सहायक सचिव के यहां से कैश के साथ मुख्य सचिव की ओर से ग्रामीण विकास सचिव को भेजा गया पत्र भी मिला है. इस पत्र के माध्यम से मुख्य सचिव ने विभाग के दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ जांच कर प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही है. सरकारी पत्र सहायक के यहां से मिलना अपने आप में संदेह उत्पन्न करता है.सीएम इडी की ओर से भेजे गये पत्र को आधार बना कर सीबीआइ जांच की करें अनुशंसा
श्री मरांडी ने वर्तमान मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन पर हेमंत सोरेन का टूल्स बन कर काम करने का आरोप लगाया. कहा कि इडी ने भ्रष्टाचार से जुड़े अफसरों पर कार्रवाई करने के लिए कई पत्र भेजे हैं. सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है. मुख्यमंत्री को इडी द्वारा भेजे गये पत्रों को आधार बना कर केंद्र सरकार से इस मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा करनी चाहिए. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है