रांची: बिहार के बाद अब झारखंड में भी जातीय जनगणना की मांग उठने लगी है. आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो ने इस संबंध में सीएम हेमंत को पत्र लिख जातीय जनगणना कराने पर फैसला लेने का आग्रह किया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार ने नीतिगत मामले के तौर पर फैसला लिया है कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अलावा कोई जातीय जनगणना नहीं होगी.
केंद्र के इस फैसले के बाद राज्य सरकार को चाहिए कि वो अपने स्तर पर जातीय जनगणना की पहले करें. इसको लेकर पहले भी पत्र लिखा गया है, लेकिन अब तक सरकार स्तर पर कोई संतोषजनक पहल होती नहीं दिखायी पड़ रही है.
श्री महतो ने कहा कि हाल ही में बिहार में सरकार ने सर्वदलीय बैठक कर सभी जाति और धर्म के लोगों की गिनती कराने की सहमति बनायी है. इस पर होने वाले खर्च भी वहां की राज्य सरकार करेगी. जातीय जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर प्रारंभ से ही इसकी जरूरत को गंभीरता से लिया और सर्वदलीय बैठक कर आपसी सहमति बनायी.
राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जाति जनगणना कराने की पहल का स्वागत करते हुए झारखंड में भी शीघ्र जातीय जनगणना कराने की मांग की है़ प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने प्रदेश कार्यालय में कहा कि देश और राज्य में सभी समुदायों का डाटा नहीं रहने से समाज विशेष को अपना अधिकार गंवाना पड़ता है़
Posted By: Sameer Oraon