दूसरी बार खराब हुई कैथलैब की मशीन, मरीजों की एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी बंद
रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में कैथलैब की मशीन चार माह के भीतर दूसरी बार खराब हो गयी है. मंगलवार की सुबह जब मशीन को ऑन किया गया, तो वह चालू नहीं हुई
रांची : रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में कैथलैब की मशीन चार माह के भीतर दूसरी बार खराब हो गयी है. मंगलवार की सुबह जब मशीन को ऑन किया गया, तो वह चालू नहीं हुई. इसकी सूचना रिम्स प्रबंधन व कंपनी को दे दी गयी है. कंपनी ने मशीन को दुरुस्त करने के लिए इंजीनियर भेजा, लेकिन सफलता नहीं मिली.
कैथलैब का उपकरण खराब हो गया है. उसे मंगाने में एक से दो दिन का समय लग सकता है. ज्ञात हो कि रिम्स में एक ही मशीन है, वह भी 13 साल पुरानी. मशीन खराब होने से एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी बंद है. करीब आधा दर्जन हृदय रोगी एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी के इंतजार में हैं. डॉक्टरों का भी कहना है मशीन काफी पुरानी है, इस कारण बीच-बीच में खराब हो जाती है.
चार माह पहले 25 फरवरी को भी कैथलैब की मशीन खराब हो गयी थी. लगातार निविदा रद्द होने के कारण देश के किसी अन्य सरकारी संस्थान (शासी परिषद में स्वीकृत) के कार्यादेश का अनुपालन कर मशीन की खरीद के लिए सीमेंस कंपनी को ऑर्डर दिया गया है, पर लॉकडाउन के कारण मशीन उपलब्ध नहीं हो पायी है.
25 फरवरी को भी खराब हुई थी कैथलैब की मशीन : मशीन खराब होने की सूचना है. उपकरण नहीं मिल रहा है. एक-दो दिनों में आने की उम्मीद है. नयी मशीन का कार्यादेश दिया गया है, लेकिन लॉक डाउन के कारण मशीन नहीं आयी है.
डॉ दिनेश कुमार सिंह, निदेशक, रिम्स