सीबीएसइ 10वीं और 12वीं परीक्षा की डेटशीट जारी हो गयी है. परीक्षाएं 15 फरवरी से आयोजित होंगी. ऐसे में स्टूडेंट के पास रिवीजन के लिए काफी कम समय बचा है. विद्यार्थियों को अब एक महीने में परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष रणनीति बनाकर पढ़ाई करनी होगी. स्कूल के शिक्षकों का भी कहना है कि बच्चों के लिए यह समय काफी उपयोगी है. आज हम आपको कुछ टिप्स और कम समय में एग्जाम की अच्छे से तैयारी करने का तरीका बतायेंगे, जिससे विद्यार्थी बिना दबाव में आये परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं.
सीबीएसइ के कोऑर्डिनेटर डॉ राम सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को प्रत्येक विषय के चैप्टर की गंभीरता से पढ़ाई करनी होगी. आसान और कठिन चैप्टर की सूची अलग कर लें. इससे रिवीजन करने में मदद मिलेगी. कठिन चैप्टर को चिह्नित कर शिक्षकों की सलाह से दोबारा समझने की कोशिश करें. इससे एक महीने में बेहतर अंक के लिए अभ्यास किया जा सकता है. विद्यार्थी परीक्षा को लेकर गंभीर रहें. किसी भी विषय का प्रश्न पत्र आसान नहीं होगा. ज्यादा से ज्यादा सैंपल पेपर का अभ्यास करें.
जेवीएम श्यामली के गणित शिक्षक केके सिंह ने कहा कि सीबीएसइ 10वीं की परीक्षा फरवरी में शुरू हो रही है. मुख्य परीक्षा 27 फरवरी से शुरू होगी. ऐसे में समय बहुत कम है. इसलिए एनसीइआरटी से अभ्यास करें. सारे चैप्टर से सूत्र व कॉन्सेप्ट का बार-बार अभ्यास करें. एनसीइआरटी के सैंपल पेपर को निर्धारित समय में पूरी तरह हल करने का प्रयास करें. गणित में हर दो प्रश्नों के उत्तर के बीच जगह रखें और एक लाइन खीचें. सभी प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें, तभी उसका उत्तर करें. जल्दबाजी न करें.
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डीएवी हेहल के बायोलॉजी शिक्षक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों को एक साथ पूरे सिलेबस की परीक्षा देनी होती है. ऐसे में सिलेबस को बांट कर अभ्यास करें. सैंपल सेट का अभ्यास करते समय विद्यार्थी निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें. इससे समय प्रबंधन में मदद मिलेगी. कम समय मिला है. इसलिए प्रॉपर रिवीजन कर लें. डायग्राम बेस्ड प्रश्नों का प्रैक्टिस पहले से ही कर लें. क्योंकि, पैर्टन भी चेंज है. इसलिए ध्यान से पढ़ें.
बोर्ड परीक्षा को लेकर काफी कम समय बचा है. इसलिए अब सैंपल पेपर पर फोकस करने का समय है. हर विषय का सैंपल पेपर बनाना जरूरी है. क्योंकि, इससे आइडिया हो जाता है कि किस तरह के प्रश्न आयेंगे: साथ ही समय प्रबंधन का भी आइडिया हो जाता है. इसके अलावा खुद के बनाये शॉट नोट्स पर फोकस करें.
-विशाखा, 99.4%, 10वीं बोर्ड
परीक्षा को लेकर तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए. कम समय है, ऐसे में रिवीजन जरूर करना चाहिए. सैंपल पेपर को बनायें, ताकि समय का मापदंड समझ आयेगा. रिवीजन की प्रैक्टिस दिनचर्या में शामिल करें, ताकि प्रैक्टिस से परीक्षा में मदद मिल सके. मैं परीक्षा के लिए एनसीइआरटी बुक पर ही फोकस करता रहा हूं.
आदित्य शर्मा, 99.4%, 10वीं बोर्ड
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डायटीशियन अर्पिता के अनुसार, अभी बच्चों को तनाव मुक्त होकर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है. इसके लिए स्ट्रेस फ्री फूड लें. इससे मेंटल स्ट्रेस फ्री रहेगा. डाइजेस्ट फूड लेना चाहिए. ब्रेन बूस्टर के लिए जिंक मैग्नेशियम रिच फूड लें. दूध, दही, अंडा भरपूर मात्रा में लें. फल व फलों का रस, नींबू पानी व सूप का सेवन कर सकते हैं. अगर चाय पीने की आदत है, तो हर्बल टी लेना सही होगा. पानी पर्याप्त मात्रा में पीयें.
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बच्चों को रूटीन बनाने में मदद करें
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खुद के बच्चों की तुलना दूसरे से न करें
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बच्चों को पढ़ाई करने के तरीके को लेकर न टोकें
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बच्चों के खान-पान और सोने का विशेष ध्यान रखें
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परीक्षा के रिजल्ट पर अभी से चर्चा न करें.
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घर का वातावरण शांत और स्वस्थ रखें
मनोवैज्ञानिक डॉ. भूमिका सच्चर ने बताया कि परीक्षा को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है. प्रॉपर रूटीन के साथ पढ़ाई करने बैठें. अपनी एक दिनचर्या बनायें. पढ़ाई के साथ-साथ खाने-पीने और सोने का भी ध्यान रखें. पढ़ाई के साथ-साथ रिवीजन भी जरूरी है. इसलिए रिवीजन के लिए समय निकालें. हफ्ते में एक बार ग्रुप डिस्कशन जरूर करें. किसी भी तरह का तनाव हो रहा है, तो किसी बड़े व शिक्षक से इसकी चर्चा जरूर करें. अपने ऊपर बेहतर करने का प्रेशर न डालें. सकारात्मक सोच रखें. अपनी तुलना किसी दूसरे बच्चे से न करें.
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प्रॉपर रूटीन बना कर पढ़ाई करें
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खाने-पीने, सोने और आराम करने के समय का ध्यान रखें
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ज्यादा से ज्यादा सैंपल पेपर और मॉक टेस्ट सॉल्व करें
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जितना हो सके सकारात्मक सोच के साथ पढ़ाई करें
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किसी तरह की परेशानी हो, तो बड़ों से इसकी चर्चा करें
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हर सब्जेक्ट की पढ़ाई के लिए समय निकालें
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जो भी पढ़ाई करें, उसका रिवीजन जरूर करें
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लगातार पढ़ाई न करें, बीची-बीच में ब्रेक जरूर लें