झारखंड के सीबीएसइ व आइसीएसइ स्कूलों ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट, कहा- ट्यूशन फीस के अलावा नहीं ले रहे किसी प्रकार का शुल्क
राज्य के सीबीएसइ व आइसीएसइ स्कूलों ने फीस लेने को लेकर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.
रांची : राज्य के सीबीएसइ व आइसीएसइ स्कूलों ने फीस लेने को लेकर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. इसमें कहा गया है कि स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा किसी अन्य प्रकार का शुल्क बच्चों से नहीं ले रहे हैं. स्कूलों की ओर से बताया गया कि सरकार के निर्देश के अनुरूप सभी अभिभावक ट्यूशन फीस जमा नहीं कर रहे हैं.
कुछ स्कूलों को छोड़ दिया जाये, तो अधिकतर निजी स्कूलों में आधा सत्र बीत जाने के बाद भी फीस जमा करने वाले अभिभावकों की संख्या औसतन 50 फीसदी है. कुछ स्कूलों में 80 से 90 फीसदी अभिभावकों ने फीस जमा की है, पर ऐसे स्कूलों की संख्या काफी कम है. कई स्कूल ऐसे हैं, जहां अब तक आधे से कम बच्चों की ट्यूशन फीस जमा हुई है. कुछ स्कूलों में 25 से 40 फीसदी बच्चों की ही फीस जमा हो पायी है.
अभिभावक बता रहे परेशानी :
स्कूलों का कहना है कि अभिभावक फीस जमा करने को लेकर अपनी परेशानी बता रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि उनके समक्ष आर्थिक संकट है. कई अभिभावकों ने आवेदन देकर स्कूल को बताया कि उनकी नौकरी छूट गयी है. ऐसे में वे तत्काल फीस जमा नहीं कर सकते.
निदेशालय ने मांगी थी जानकारी :
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों से पांच सीबीएसइ व पांच आइसीएसइ बोर्ड के स्कूलों द्वारा पिछले तीन माह में लिये गये शुल्क की जानकारी मांगी थी. ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के पांच-पांच स्कूलों की जानकारी मांगी गयी थी.
फीस को लेकर क्या है सरकार का आदेश :
निजी स्कूलों की फीस को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा जून में दिशा निर्देश जारी किया गया था. स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने को कहा गया है. अगर कोई अभिभावक बच्चे की ट्यूशन फीस जमा नहीं कर पाते हैं, तो उसे स्कूल द्वारा संचालित ऑनलाइन क्लास व अन्य सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है. सरकार ने इस दौरान शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन देने को भी कहा है.
posted by : sameer oraon