रांची. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने 2500 रुपये घूस लेने के दोषी अपर डिवीजन क्लर्क दिलीप कुमार व सेवानिवृत्त क्लर्क सुरेश कुमार को तीन-तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर दो महीने की साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी. मामला रामगढ़ के बड़का सयाल एरिया स्थित सीसीएल का है. मामले में सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक प्रियांशु सिंह ने सीबीआइ की ओर से बहस की. मामला वर्ष 2019 का है. बताया जाता है कि दिलीप कुमार ने शिकायतकर्ता विदेशिया घासी से एरियर की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सेवानिवृत्त क्लर्क के माध्यम से 2500 रुपये घूस की मांग की थी. सीसीएल कर्मचारी विदेशिया घासी ने इसकी जानकारी सीबीआइ के एंटी करप्शन टीम को दी. उसके आधार पर टीम ने 22 फरवरी 2019 को रामगढ़ के भुरकुंडा सोंदाडीह निवासी दिलीप कुमार को 2500 रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. उसकी निशानदेही पर मध्यस्थ हजारीबाग के कटमकम सांडी निवासी सुरेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में सीबीआइ ने 21 फरवरी 2019 को प्राथमिकी दर्ज की थी.
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